देश की सबसे बड़ी बिजली उत्पादन कंपनी एनटीपीसी ने गुरुवार को यह कहकर कॉरपोरेट जगत को चौंका दिया कि दाभोल बिजली परियोजना के शेयर बेचे जाने के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं दे गई थी।
गेल इंडिया के साथ संयुक्त स्वामित्व वाले इस प्रोजेक्ट पर एनटीपीसी के चेयरमैन टी. शंकरलिंगम ने कहा- हमसे इस बारे में कोई परामर्श नहीं लिया गया। आखिर लोन को चुकाने के लिए आईपीओ लाने का औचित्य क्या था?
देश की सबसे बड़ी गैस वितरक कंपनी गेल इंडिया ने बुधवार को कहा था कि पश्चिमी भारत में स्थित दाभोल प्रोजेक्ट के शेयर आईपीओ के जरिए बेचकर तकरीबन 10 अरब रुपए इकट्ठा करने की योजना बना रही है।
इस प्रोजेक्ट को रत्नागिरी गैस एवं पावर प्रा. का नया नाम दिया गया है। आईपीओ के जरिए इसके शेयर बेचे जाने की योजना की तफसील देते हुए गेल के वित्त निदेशक आर.के. गोयल ने कहा था कि दिसंबर तक बाजार में इसे पेश किया जा सकता है।
गेल और एनटीपीसी, दोनों की ही इसमें 50-50 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत 2,144 मेगावॉट का एक पावर प्लांट चलाया जाता है, जिसे 1996 में एनरॉन कॉर्प. ने तैयार किया था।
2001 में इसे उस वक्त बंद करना पड़ा था, जब एक प्रादेशिक बिजली कंपनी ने इसकी दरों को बहुत ज्यादा बताते हुए इसके बिलों को चुकाने से इनकार कर दिया था।