छोटी कार का बाजार इतना बड़ा होता जा रहा है कि हर कोई इस बहती गंगा में डुबकी लगाने के लिए बेकरार हो चला है।
हाल ही में इस बाजार में उतरने के बीएमडब्ल्यू के मंसूबे जाहिर होने के बाद अब जापानी कंपनी मित्सुबिशी ने भी इसमें डुबकी लगाकर माल से अपने को तर करने का फैसला कर लिया है।
यह जापानी कंपनी अब प्रीमियम कॉम्पैक्ट कार (छोटी पर थोड़ी महंगी कार) सेगमेंट में उतरने जा रही है।
इस समय देश में छोटी कार का बाजार औसतन 60 फीसदी प्रति माह की रफ्तार दर से बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक यहां हरेक महीने 10 हजार कारें बिक रही हैं। जाहिर है, कई कार कंपनियां इतनी तेजी से बढ़ रहे इस सेगमेंट की ओर लालच भरी निगाहों से देख रही हैं।
अब मित्सुबिशी का भी कहना है कि वह छोटी कार में आए उफान को भुनाने में देर नहीं करना चाहती।
इस सेंगमेंट में पहले से ही मारुति स्विफ्ट, हुंडई गेट्ज, स्कोडा फेबिया, फिएट पालियो, शेवरलेट यू-वीए और फोर्ड फ्यूजन जैसे ब्रांड मैदान में हैं।
जाहिर है मित्सुबिशी के लिए टक्कर कांटे की है। उल्लेखनीय है कि भारत में कंपनी का हिंदुस्तान मोटर्स के साथ तकनीकी समझौता है। इसके जरिए पजेरो एसयूवी और लांसर जैसी कार बाजार में पेश की गई हैं।
पर कंपनी को इन दोनों उत्पादों के अलावा आयातित मांटेरो एसयूवी और सीडिया सेडान की जरूरी संख्या कभी मिल नहीं सकी है।हिंदुस्तान मोटर्स के उपाध्यक्ष वाई.वी.एस. विजय कुमार ने बताया कि हर कंपनी अपने कारोबार की रणनीतियां बनाती है और हम भी ऐसा कर रहे हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम आनन-फानन में कुछ करने जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य 40 फीसदी की सालाना विकास दर पाना है।
दरअसल भारत में मित्सुबिशी एक प्रीमियम ब्रांड है इसलिए हम छोटी कार के प्रीमियम सेगमेंट में ही उतर रहे हैं। कुमार ने कहा कि हम इस सेगमेंट के लिए अपने ही कुछ अन्य देशों के मॉडलों पर गौर फरमा रहे हैं।
कंपनी का इरादा अगले 3 से 5 साल में भारत में एक विश्वस्तरीय कार उतारनेका है।अगले कई सालों तक देश में छोटी कार का कारोबार दूसरे देशों की तुलना में दोहरे अंकों में बने रहने की उम्मीदों के बीच कंपनी ने तय किया है कि वह हर 6 महीने में बाजार में एक नया मॉडल लाएगी।
उनके अनुसार, कंपनी अपनी चेन्नई प्लांट की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी। अभी साल भर में यहां 12,000 कारें बनायी जाती है जबकि कंपनी ने तय किया है कि इसकी उत्पादन क्षमता को 1 लाख यूनिट प्रति वर्ष तक बढ़ाएगी। इसमें कॉम्पैक्ट कार के साथ कंपनी के दूसरे उत्पाद भी बनेंगे।
यह विस्तार वहीं किया जाएगा जहां अभी उसका प्लांट है। उत्पाद की कीमतों को कम कैसे रखा जाए इसके लिए कंपनी ने तय किया है कि इसमें स्थानीय कार निर्माताओं की मदद ली जाए।
उल्लेखनीय है कि विदेशों में इस रेंज के उत्पाद कंपनी 12 लाख के आसपास बेचती है।