दुनिया की सबसे बड़ी शीतल पेय कंपनी कोका कोला अब चाय के कारोबार को गरमाने जा रही है। उसका इरादा पैकेज्ड चाय को भारतीय बाजार में उतारने का है।
यह कंपनी पहले से ही कई देशों में चाय को केन और बोतलों में पैक करके बेचती रही है। इसके लिए उसने नेस्ले से करार भी कर रखा है। नेस्ले के चाय ब्रांडों में नेस्टी, गोल्ड पीक, लव बॉडी, एनविगा जैसे उत्पाद हैं।
इस सेगमेंट में कोका कोला ने अब तक भारत में कदम नहीं रखा था लेकिन वह अब इधर भी अपने पांव पसारने जा रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए कोका कोला के चेयरमैन और सीईओ नेविले आइसडेल ने बताया कि चाय हमारे लिए तेजी से तरक्की करने वाला कारोबार है।
हम इस कारोबार में जापान में पहले ही नंबर वन हैं जबकि भारत में भी इस क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। आइसडेल अभी भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
पर वह यहां गली-नुक्कड़ में बिकने वाली चाय को अपने प्रोडक्ट के लिए सबसे बड़ी चुनौती मान रहे हैं।पेप्सी और कोका कोला की प्रतिद्वंद्विता के बारे में पूछने पर उनका कहना है कि हमारी प्रतियोगिता उतनी संकीर्ण नहीं है, जितना कि समझा जाता है।
वास्तव में यह प्रीपेड कार्ड बिजनेस की तरह है। हम इसे बड़े नजरिए से देखते हैं। स्वास्थ्य के लिए कंपनी के उत्पाद को हानिकारक बताए जाने पर आइसडेल का कहना है कि हमें प्राय: निशाने पर रखा जाता है।
पर डाइट कोक और कोक जीरो जैसे कंपनी के कई उत्पाद पिछले 25 सालों में सबसे सफल उत्पाद रहे हैं। कोका कोला को लेकर यहां हुए जल विवाद पर कोक के चेयरमैन ने कहा कि इस मामले से हमने यही सीखा कि हमें इस तरह के मामलों में समाज से जुड़ना होगा।
उनका कहना था कि यह कंपनी कभी अपना मानवीय स्वरूप खो चुकी थी। हमने सभी कर्मचारियों को साथ लेकर मीटिंग की और उनसे पूछा कि समस्या क्या है?
लोगों ने कहा कि उन्हें कंपनी के प्रबंधन में यकीन नहीं है। तब हमने पाया कि समस्या कई स्तरों पर है। मनोवैज्ञानिक स्तर पर कंपनी के साथ कर्मचारियों का जुड़ाव नहीं रह गया था।
एक तरफ तो भारत को वह ज्यादा कमाऊ बाजार नहीं मानते लेकिन दूसरी तरफ वह यह भी मानते हैं कि उनकी कंपनी यहां काफी पैसा कमा रही है। कंपनी पहले से ही देश में 1.5 अरब डॉलर का निवेश कर चुकी है जबकि अगले दो-तीन सालों में 25 करोड़ डॉलर और निवेश करेगी।
अपनी रणनीतियों के बारे में उन्होंने कहा कि हम भारत, चीन, ब्राजील और रूस से काफी उम्मीद लगाए हुए हैं।