विमानन कंपनियों के बढ़ते घाटे की भरपाई के लिए देश की सबसे छोटी लो-कॉस्ट एयरलाइंस गो एयर कर्मचारियों की संख्या में कटौती की तैयारी कर रहा है।
इसके तहत 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी के जरिए वेतन मद में खर्च होने वाली रकम का तकरीबन 40 फीसदी बचाने की योजना है। कर्मचारियों की संख्या में कटौती विभिन्न विभागों से की जाएगी, जिनमें वरिष्ठ मैनेजमेंट स्तर के कर्मचारी और पायलट भी शामिल हैं।
एयरलाइंस के पास तकरीबन 1000-1200 कर्मचारियों का बेड़ा है। गो एयर के पास 79 पायलट हैं, जिनमें से 13 पायलटों को कंपनी पहले ही कंपनी छोड़ने को कह चुकी है। कंपनी को 24 करोड़ रुपये का घाटा प्रति माह उठाना पड़ रहा है। यही वजह है कि गो एयर ने अपने बेड़े में नए विमानों को शामिल करने की योजना में भी कटौती की है।
इसके साथ ही कंपनी विभिन्न रूटों पर अपनी उड़ानों की संख्या में भी कटौती की योजना बना रही है। इसके तहत पिछले हफ्ते बेंगलुरु की उड़ान रद्द कर दी गई, जबकि सूत्रों का कहना है कि जयपुर के लिए भी उड़ाने बंद करने का कंपनी इरादा बना रही है।
अन्य शहरों के लिए भी उड़ानें बंद करने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान में कंपनी के विमान दिल्ली-मुंबई रूट पर सर्वाधिक उड़ान भरते हैं। अभी गो एयर के पास छह विमान है, जिनमें से एक मरम्मत के लिए भेजा गया है, जबकि लीज पर चल रहे एक विमान को अगस्त में वापस कर दिया जाएगा। इस बारे में पूछने पर कंपनी के प्रबंध निदेशक जेह वाडिया ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन की आज बैठक होने वाली है, जिसमें मर्जर और अन्य रणनीति पर विचार किया जाएगा। कंपनी का मकसद घाटे को कम कर प्रति माह 10 करोड़ रुपये तक लाने का है।
गो एयर 10 फीसदी कर्मचारियों की कटौती की कर रही तैयारी
कंपनी को प्रतिमाह हो रहा 24 करोड़ रुपये का नुकसान