नए बाजार से परिधान निर्यात बढऩे के आसार | बीएस संवाददाता / जयपुर May 27, 2011 | | | | |
जयपुर के रेडीमेड परिधान निर्यातकों को नए बाजार मिलने से इस वर्ष परिधान निर्यात बढऩे के आसार हैं। परिधान निर्यातकों का कहना है कि इस वर्ष जयपुर से परिधान का निर्यात 100 से 150 करोड़ रुपये तक बढ़कर 1000 करोड़ रुपये सालाना तक हो सकता है।
परिधान एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान की कार्यकारी समिति के सदस्य विवेक खंडेलवाल का कहना है कि अभी तक अमेरिका, जापान और यूरोपीय देशों को जयपुर से परिधान निर्यात होता रहा है, लेकिन मंदी के बाद से ही इन देशों से रेडीमेड परिधान की मांग निरंतर घटती जा रही थी। इस कारण निर्यातकों ने अन्य देशों में बाजार तलाशने शुरू कर दिए थे। इसी का ही नतीजा है कि इस वर्ष जयपुर के निर्यातकों को लैटिन अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, इजराइल, टर्की, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान जैसे नए बाजार मिले हैं। इन देशों से रेडीमेड परिधान के ऑर्डर मिलने शुरू हो गए हैं।
नए बाजारों से ऑर्डर बढऩे के पीछे एक प्रमुख कारण यह भी है कि जयपुर की लगभग सभी इकाइयों ने अपना अपग्रेडेशन किया है। आधुनिक मशीनरी पर निर्मित परिधान््स विदेशों में काफी पसंद किए जा रहे हैं। गत वर्ष जयपुर से 850 करोड़ रुपये के रेडीमेड परिधान््स का निर्यात हुआ था, लेकिन नए बाजार मिलने से निर्यातकों को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में निर्यात का आंकड़ा 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
खंडेलवाल ने बताया कि जहां एक ओर नए बाजारों से ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर कच्चे माल और मजदूरी बढऩे से निर्यातकों के मुनाफे पर दबाव बढ़ गया है। बढ़ी निर्माण लागत से उनका मुनाफा कम हो रहा है, लेकिन फिर भी नए ऑर्डर पिछले वर्षों में निर्यातकों को हुए नुकसान की कुछ भरपाई तो करेंगे ही।
जयपुर से अधिकतर सूती रेडीमेड परिधान का निर्यात किया जाता है। खंडेलवाल ने बताया कि राजस्थान में जयपुर रेडीमेड परिधान के निर्माण का प्रमुख केंद्र है। यहां 175 से 200 तक बड़ी रेडीमेड परिधान इकाइयां काम कर रही है। जयपुर के अलावा कुछ काम पुष्कर और जोधपुर में भी होता है।
पुष्कर से गत वर्ष तकरीबन 100 करोड़ के परिधान का एक्सपोर्ट किया गया था। परिधान एक्सपोर्ट एसोसिएशन प्रयास कर रही है कि राज्य के अन्य
क्षेत्रों में भी रेडीमेड परिधान निर्माण का काम शुरू हो और राजस्थान रेडीमेड परिधान निर्यात का प्रमुख केंद्र बन सके। हाल ही में एसोसिएशन के सदस्यों ने पुष्कर की रेडीमेड परिधान इकाइयों का दौरा किया ताकि वहां की यूनिटों का अपग्रेडेशन किया जा सके।
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