बिहार में निवेश प्रस्तावों की बाढ़ | बिजली क्षेत्र में निवेशक दिखा रहे हैं दिलचस्पी | | सत्यव्रत मिश्रा / पटना April 24, 2011 | | | | |
बिहार फिलहाल बिजली की कमी से जरूर जूझ रहा हो, लेकिन राज्य में इस क्षेत्र में पैसा लगाने वालों की कतई कमी नहीं है। साल के पहले 3 महीने में ही बिहार में बिजली के क्षेत्र में निवेशकों ने 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करने की इच्छा जताई है।
राज्य सरकार के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव सीके मिश्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि, 'राज्य में बिजली उत्पादन के मामले में काफी निवेशक आगे आ रहे हैं। अब तक हमें इस क्षेत्र में करीब 1.45 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिल चुके हैं। साथ ही, कई नए निवेशक भी इस मामले में हमसे लगातार संपर्क में हैं।'
बिहार के उद्योग विभाग के दस्तावेजों के मुताबिक साल के पहले तीन महीनों में ही 40,212 करोड़ रुपये रुपये के निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार को मिल चुके हैं। इसमें से सबसे बड़ा प्रस्ताव दिल्ली की एक कंपनी इरा इन्फ्रा इंजीनियरिंग से मिला है, जिसने राज्य में नवादा और भागलपुर जिलों में 2,640 और 1,320 मेगावॉट के बिजलीघरों के निर्माण का प्रस्ताव राज्य सरकार के सामने पेश किया है। इस परियोजना में कंपनी ने राज्य में 22 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव रखा है।
दूसरी तरफ, डालमिया पावर ने भी राज्य के बांका जिले में 1,320 मेगावॉट के ताप विद्युत संयंत्र के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। इसमें कंपनी ने करीब 8,000 करोड़ रुपये के निवेश करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, कई दूसरी कंपनियों ने भी राज्य में मोटा निवेश करने की योजना बनाई है। मिश्रा ने बताया, 'दरअसल, यह असर है हमारी औद्योगिक नीति का। इस नीति के तहत हमने राज्य में निवेश करने वालों के लिए भारी मात्रा में सब्सिडी देने का फैसला लिया है। वहीं, कानून व्यवस्था के मामले में भी हम काफी प्रगति कर रहे हैं।'
राज्य में बिजली के क्षेत्र में निवेश में जुटी एक कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि, 'राज्य सरकार ने बीते कुछ सालों में कानून व्यवस्था और बुनियादी ढांचे के मामले में जबरदस्त काम किया है। यहां सड़कों के मामले में काफी काम हुआ है। इससे हमें अपने कच्चे माल को लेकर आने में काफी आसानी होगी। राज्य में बिजली की काफी जरूरत है, जो हमारे कारोबार के लिए एक शुभ संकेत है।'
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