नाम से ही स्पष्ट है कि यह म्युचुअल फंड की एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत म्युचुअल फंडों की विभिन्न योजनाओं में निवेश किया जाता है।
फंडों के फंड का विशाखण
आमतौर पर म्युचुअल फंड की योजनाओं में निवेश विभिन्न प्रकार के इक्विटी और प्रतिभूतियों आदि में की जाती है। एफओएफ में यह निवेश अन्य म्युचुअल फंडों की योजनाओं में किया जाता है। विगत वर्षों के अनुभवों से यह स्पष्ट है कि वैसी म्युचुअल फंड की योजनाएं जो सबसे बेहतर प्रदर्शनकर्ता रही है, हमेशा ही बेहतर प्रदर्शन देने में नाकाम रही है।
इसके बावजूद कुछ ऐसी योजनाएं भी रही हैं, जो लगातार बेहतर प्रदर्शन करती आई हैं। एफओएफ योजनाओं के तहत ऐसे ही 4-5 फंडों में निवेश किया जाता है। अगर कोई एफओएफ शीर्षस्थ 10 में से चार-पांच फंड में निवेश करे तो उम्मीद की जा सकती है कि इसका प्रतिफल किसी भी बेहतर प्रदर्शनकर्ता फंड की तुलना में अच्छा होगा।
एक विवेकशील निवेशक अपने निवेश को इक्विटी और ऋण निधियों में विशाखित करना चाहता है। एक उपयुक्त एफओएफ के चयन से निवेशकों को विभिन्न वर्ग के निधियों में निवेश करने का मौका मिलता है, वह भी केवल एक फंड में निवेश करने से इसलिए सुविधाप्रद निवेश और मॉनिटरिंग की दृष्टि से यह फंड अच्छा है। इस फंड में निवेश के द्वारा आप विभिन्न फंड प्रबंधकों एवं उनके निवेश करने की कला को समझ पाते हैं। एफओएफ में निवेश करने से, फंड प्रबंधकों के एक कंपनी से दूसरी कंपनी में नियुक्ति का असर भी आपके निवेश पर कम पड़ता है।
सरल है पुनर्व्यवस्थापन
मान लेते है कि अपने ऋण-इक्विटी में 30:70 के अनुपात में 1000 रुपए निवेश किया है। एक साल बाद ऋण में निवेशित 300 रुपए बढक़र 324 रुपए हो गए। ऋण में निवेशित राशि पर मिलने वाला प्रतिफल 8 प्रतिशत का माना गया है। इक्विटी में निवेशित 700 रुपए 35 प्रतिशत की दर से बढ़कर एक साल बाद 945 रुपए हो गए। अब जो ऋण और इक्विटी में निवेश की अनुपात बनी वह 25.5:74.5 की है।
अब जो पोर्टफोलियो है, वह आपके जोखिम प्रोफाइल 30:70 के हिसाब से नहीं रहा। निवेश को अपने रिस्क प्रोफाइल के अनुसार बनाने के लिए आपको इक्विटी का कुछ हिस्सा बेचना होगा, ताकि वह पुन: 30:70 के ऋण-इक्विटी आवंटन के अनुरूप रहे।
इसका एक और भी लाभ है। अगर आप किसी खास एक म्युचुअल फंड में इस तरह का पुनर्व्यवस्थापन करते हैं तो आपको पूंजीगत अभिलाभ कर देना पड़ेगा। एफओएफ में लॉन्ग या शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स नहीं लगता है। ऋण निधि के शॉर्ट टर्म गेन पर 30 प्रतिशत तक कर लग सकता है। यह एफओएफ का बढ़िया लाभ है। एफओएफ फंड के प्रबंधक उचित अवसर पर खरीद-बिक्री कर ग्राहकों को बेहतर लाभ देने की कोशिश में लगे रहते हैं।
गौर करने लायक बातें
एफओएफ के नाम से बेचे जा रहे अधिकांश उत्पाद, वास्तविक एफओएफ थे ही नहीं। ये अपने ही परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के विभिन्न फंडों में निवेश करते थे। लेकिन कुछ कंपनियों ने ऐसे एफओएफ भी लॉन्च किए जो विभिन्न परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों के फंडों में निवेश करते हैं। इन्हें पूर्णत: विशाखित फंड कह सकते हैं।
वर्तमान कर नियमों के अनुसार इक्विटी वाले एफओएफ को सामान्य इक्विटी फंड के कर वाली सुविधाएं नहीं मिलती है। अगर कोई व्यक्ति एफओएफ में निवेश करता है तो उसे लाभांश वितरण कर 14.16 प्रतिशत या एलटीसीजी कर 10 प्रतिशत (बिना इंडेक्सेशन के) या 20 प्रतिशत इंडेक्सेशन के साथ देना पड़ता है। उच्च कर की वजह से कर अदा करने के बाद प्राप्त राशि कम हो जाती है। निवेशकों को एफओएफ के दोनों पहलुओं पर, गौर करने के बाद ही अपने लायक फंड का चयन करना चाहिए। वैसे भी म्युचुअल फंड में निवेश करने के कई विकल्प मौजूद हैं।