अप्रैल और मई महीने में प्राकृतिक रबर के आयात में 38.3 फीसदी की कमी आई है जबकि इसके निर्यात में मामूली सी कमी आई है।
रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस दौरान प्राकृतिक रबर का आयात 10,824 टन रहा जबकि पिछले साल इसी दौरान17,592 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया था।
इस समय दुनिया भर में रबर की आपूर्ति काफी कम है, जिसकी वजह से इसकी मांग काफी अधिक बढ़ गई है। इस वजह से टायर बनाने वाली कंपनियों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
घरेलू बाजार में आरएसएस-4 किस्म की रबर की कीमत जहां 137 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर के आसपास बनी हुई है वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पिछले दो महीने से इससे कीमतों में तेजी बनी हुई है। टोक्यो और बैंकाक जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय बाजारों की तुलना में भारत में रबर की कीमतें 8 से 10 रुपये प्रति किलोग्राम तक कम है।
अप्रैल में रबर के आयात में भारी गिरावट आई जबकि मई में यह पिछले साल की तुलना में कमोबेश एक सा ही रहा। इस साल अप्रैल में जहां 3,384 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया जबकि अप्रैल 2007 में 9,614 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया। जबकि मई में लगभग 7,440 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया वहीं मई 2007 में 7,978 टन प्राकृतिक रबर का आयात किया गया था।
इसका दूसरा पहलू यह भी है कि ऑफ सीजन की वजह से इस समय घरेलू मांग भी तेज बनी हुई है। इसके चलते निर्यातक अपना माल निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय बाजारों में रबर की कीमतों में तेजी की स्थिति है, निर्यातक इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। इस अप्रैल और मई महीने में होने वाला कुल निर्यात 5,836 टन रहा जबकि पिछले साल इस दौरान 6,305 टन रबर का निर्यात हुआ था। वैसे उत्पादन और उपभोग में इस समय काफी अंतर है।
जिसकी वजह से निर्यात में कमी आई है। इस समय उत्पादन केवल 1,16,000 टन है जबकि मांग 1,41,000 टन की है। रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल की तुलना में मई में रबर के स्टॉक में भी कमी आई है। अप्रैल में जहां 1,55,000 टन का स्टॉक था वहीं मई में यह घटकर 1,48,000 टन का रह गया।