'हम छोटे निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं' | नीलेश सुराणा, वरिष्ठ फंड प्रबंधक, मिरई ऐसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड | | कृष्णा मर्चेंट / February 27, 2011 | | | | |
क्या अब खरीदारी उचित है?
बाजार वास्तव में ज्यादातर मौजूदा चिंताओं को नजरअंदाज कर मौजूदा स्तरों पर आकर्षक रिस्क रिवार्ड रेश्यो की पेशकश कर रहा है। डीसीएफ (डिस्काउंटेड कैश फ्लो) आधार पर व्यवसायों के मूल्यांकन के दौरान कुछ तिमाहियां व्यवसाय के मूल्यांकन को वास्तविक रूप से नुकसान नहीं पहुंचा सकतीं। हालांकि अधिक ब्याज दर, महंगाई, राजनीतिक गतिरोध आदि से जुड़ी कुछ अल्पावधि चिंताएं हैं जो समय के साथ दूर हो जाने की संभावना है।
तब बाजार में मंदी क्यों हैं?
कई बार बाजार अदूरदर्शी हो जाते हैं और इसलिए अगर अल्पावधि तस्वीर धुंधली हो तो मध्यावधि दृष्टिïकोण के बारे में अधिक अनुभव हासिल नहीं हो सकता। ताजा गिरावट मौजूदा चिंताओं की काल्पनिक स्थिति से संबद्घ है।
एसऐंडपी 500 चढ़ा है, सेंसेक्स लुढ़का है। इस अंतर के बारे में आपका क्या कहना है?
इसे भारत के पिछले साल के अपेक्षित प्रदर्शन के संदर्भ में देखे जाने की जरूरत होगी जिसमें विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) प्रवाह से काफी हद तक मदद मिली थी और इस वजह से कुछ रणनीतिक बदलाव आया था। यह रुझान बरकरार नहीं रह सकता, क्योंकि यह मूल्यांकन से अलग है जिसमें दीर्घावधि निवेशक बिकवाली नहीं करेंगे और वे खरीदारी पर ही जोर देंगे। हालांकि बाजार ताजा ऊंचाई से लगभग 17 फीसदी नीचे है और कई शेयर काफी गिर चुके हैं।
कहां निवेश करें?
मौजूदा मूल्यांकन पर हम सभी सेक्टर में अवसर देख रहे हैं, क्योंकि गिरावट काफी व्यापक है। उदाहरण के लिए, हालांकि हम तेल विपणन कंपनियों को लेकर सकारात्मक नहीं हैं, लेकिन मौजूदा स्तरों पर इन पर विचार किया जा सकता है। हमारा फोकस उच्च गुणवत्ता वाले व्यवसाय से जुड़े शेयरों में निवेश को बरकरार रखना है जो मौजूदा बाधाओं को सहन कर सकते हैं और अच्छी बढ़त भी हासिल कर सकते हैं।
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