'आगे भी जारी रहेगी 16 फीसदी की वृद्घि' | सवाल-जवाब | | बिजनेस स्टैंडर्ड / February 18, 2011 | | | | |
एशियन पेंट्स लिमिटेड ने मिस्र में सरकार विरोधी आंदोलन को देखते हुए अपने दो संयंत्रों में उत्पादन रोक दिया था। कंपनी ने हाल में वहां दोबारा परिचालन शुरू किया है। बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत के दौरान एशियन पेंट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी पीएम मूर्ति ने विदेशी परिचालन और बजट से उम्मीद के बारे में खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि मिस्र कंपनी के लिए एक महत्त्वपूर्ण बाजार है। प्रस्तुत है मुख्य अंश:
मिस्र में परिचालन शुरू हो गया है। क्या आप वहां के परिचालन से संतुष्ट हैं?
हमने मिस्र में 2002 में प्रवेश किया था और अब तक की प्रगति से हम काफी खुश हैं। जब हमने एससीआईबी केमिकल्स का अधिग्रहण किया था उस समय महज एक उत्पादन संयंत्र था। लेकिन हमने विस्तार करते हुए बीते अक्टूबर में एक और उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है। हमारे पास बढिय़ा टीम है और हमने वहां बेहतर वृद्घि हासिल की है। राजनीतिक संकट के बाद हमने हाल ही में कारोबार दोबारा शुरू कर दिया है लेकिन हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं। हमें उम्मीद है कि हम आगे भी बेहतर वृद्घि हासिल करते रहेंगे।
समग्र अंतरराष्ट्रीय कारोबार से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
अंतरराष्ट्रीय कारोबार में कहीं-कहीं चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन हर जगह ऐसा नहीं होता। हमारी दक्षिण एशियाई देशों जैसे नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका में बेहतरीन कारोबारी प्रदर्शन रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान इन देशों में भारत से भी बेहतर प्रदर्शन दर्ज किया गया है। अब तक मिस्र में भी हमने बेहतर कारोबार किया है। आगे स्थिति में और सुधार होने की उम्मीद है। बहरीन, यूएई और ओमान भी हमारी उपस्थिति है। इस क्षेत्र में हम फिलहाल चुनौतीपूर्ण समय से गुजर रहे हैं। इसी प्रकार, कैरिबियाई क्षेत्र में भी आर्थिक मंदी के बाद से हम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। कुल मिलाकर इस समय अंतरराष्टï्रीय कारोबार की वृद्घि भारत से कम है।
अधिकांश पेंट कंपनियों ने इस साल लगभग 15-16 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है, क्या यह आगे भी जारी रह सकती है?
पिछले 5 वर्षों से हम यही वृद्घि देखते आए हैं। मुझे नहीं लगता कि हम इसे आगे भी क्यों नहीं जारी रख सकते। इस प्रकार की वृद्घि टिकाऊ होती है। इसके कारक होते हैं और प्रधान कारक है भारतीय अर्थव्यवस्था। यदि अर्थव्यवस्था किसी खास दर से वृद्घि कर रही हो तो पेंट उद्योग की वृद्घि उससे दोगुनी होगी। यही हमारा आकलन है। इसलिए जहां तक मेरा मानना है, हमें मांग की कमी नहीं रहेगी।
भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है। न केवल बड़े शहरों का विस्तार हो रहा है, बल्कि छोटे शहर भी विकास कर रहे हैं। क्या निकट भविष्य में इस पर ब्रेक लग सकता है?
मैं नहीं मानता कि ऐसा संभव है।
केंद्रीय बजट से आपकी क्या उम्मीदें हैं?
बजट जारी होने के बाद हम इसका मूल्यांकन करेंगे। हमें यह ध्यान रखना होगा कि वित्तीय लेवी में किसी भी बदलाव का प्रभाव मूल्य निर्धारण पर पड़ेगा। किसी भी मुद्ïदे पर हमारा दृष्टिïकोण बिल्कुल संतुलित रहेगा।
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