सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद खाद्य तेल की बढ़ती कीमत पर लगाम नहीं लग पा रहा है। सोमवार को हाजिर बाजार में लगभग सभी खाद्य तेलों की कीमत में उछाल देखने को मिला।
सबसे ज्यादा सरसों तेल की कीमत में 4 रुपये प्रति किलो तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बाजार के जानकारों के अनुसार स्टॉकिस्टों की जोरदार खरीदारी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है जो अभी आगे भी जारी रह सकता है।
सोमवार को मुंबई खाद्य तेल बाजार में तेजी का दौर सुबह से ही दिखाई देने लगा था। शनिवार को बाजार बंद होते वक्त सूरजमुखी तेल एक्सपेलर 66.5 रुपये प्रति किलो था, जो 22 रुपये बढ़ कर 68.7 रुपये हो गया। इसी तरह सूरजमुखी तेल रिफाइंड 71 रुपये से 1.5 रुपये बढ़कर 72.5 रुपये प्रति किलो हो गया। मूंगफली तेल 70 रुपये से 71.5 रुपये, सोया तेल रिफाइंड 62 रुपए से 62.5 रुपये और सरसों तेल प्रति 62 रुपये से बढ़कर 66 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गया।
खाद्य तेलों में आई उछाल के बारे में सॉलवेंट एक्सटे्रडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत मेहता कहते हैं कि मूलभूत वजहों से बाजार में तेजी देखी जा रही है। घरेलू बाजार इस समय पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय बाजार का अनुसरण कर रहे हैं। जब विदेशी बाजारों में तेजी का दौर चल रहा हो तो घरेलू बाजार को इससे बचा पाना बहुत मुश्किल काम हो जाता है।
उन्होंने बताया कि इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार के जो हालात हैं उन्हें देखते हुए तो लगता है कि आने वाले कुछ हफ्तों तक तो खाद्य तेल की कीमतें और बढ़ेगीं। सरकार ने खाद्य तेल की कीमतों को आम आदमी की पहुंच से बाहर न जाने देने के लिए पिछले दिनों सोयाबीन के वायदा कारोबार में रोक लगाने के साथ-साथ खाद्य तेलों की स्टॉक लिमिट भी निर्धारित की थी, लेकिन उसका फिलहाल कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।