हालांकि टाटा स्टील ने जून की तिमाही के दौरान अच्छे नतीजे दिखाए हैं, लेकिन इसका अंतरराष्ट्रीय परिचालन अभी भी ज्यादातर विश्लेषकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कंपनी ने जून की तिमाही में 1825 करोड़ रुपये का समेकित शुद्घ लाभ दर्ज किया है जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में उसे 2,008 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था। कंपनी के राजस्व में साल दर साल 16 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है।
हालांकि कुल कारोबार महज 50 हजार टन तक की बढ़त के साथ 60 लाख टन रहा है।कंपनी को बेहतर इस्पात कीमतों और अपने कोरस परिचालन की वजह से मार्जिन में तेज वृद्घि की वजह से यह बढ़त दर्ज करने में मदद मिली है। हालांकि इस्पात कीमतों में गिरावट की वजह से अल्पावधि में टाटा स्टील के मार्जिन पर दबाव देखा जा सकता है।
यूरोपीय परिचालन की धीमी रफ्तार
टाटा स्टील का प्रदर्शन पिछली तिमाही की तुलना में अच्छा रहा है, लेकिन इसका यूरोपीय परिचालन में डिलीवरी वॉल्यूम जून की तिमाही में 37 लाख टन रह गया जो मार्च की तिमाही में 39 लाख टन था। इसमें कमी आने का प्रमुख कारण मुइदेन प्लांट में आग लगना था।
इसके अलावा इस अवधि में कोरस का ईबीआईटीडीए 94 डॉलर प्रति टन से घट कर 79 डॉलर प्रति टन रह गया था। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि प्रमुख ईबीआईटीडीए प्रति टन लगभग 105 डॉलर प्रति टन पर होता।
मार्जिन दबाव
हालांकि कंपनी का घरेलू व्यवसाय मजबूत बना हुआ है और इसके 10-12 फीसदी की रफ्तार से बढऩे की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय, जिसकी इसके राजस्व में 70 फीसदी से अधिक की भागीदारी है, पर कुछ दबाव देखा जा सकता है।
एलारा कैपिटल के रवींद्र देशपांडे कहते हैं, 'हमारा मानना है कि धीमी प्राप्तियों और कच्चे माल की कीमत में वृद्घि को देखते हुए इस्पात कंपनियों के लिए मार्जिन पर दबाव पड़ सकता है।'
हालांकि वैश्विक स्तर पर क्षमता इस्तेमाल में सुधार देखा जा रहा है, लेकिन चीन से निर्यात में बढ़ोतरी चिंताजनक है। लॉन्ग एवं फ्लैट स्टील उत्पादों की कीमतें जून तिमाही के स्तर की तुलना में पिछले कुछ समय में लगभग 10 फीसदी तक गिर चुकी हैं। इसके अलावा दबाव बढ़ रहा है, क्योंकि इसके कच्चे माल की कीमतें बढ़ रही हैं।
लौह अयस्क और कोयले की कीमतें जून तिमाही की कीमतों की तुलना में फिलहाल 10-15 फीसदी ऊपर हैं। इस्पात कीमतों में गिरावट और कच्चे माल की लागत में वृद्घि का संयुक्त असर मार्जिन पर देखा जा सकता है। यह असर अगली दो तिमाहियों के दौरान दिख सकता है।
नजरिया
भले ही टाटा स्टील का अल्पावधि प्रदर्शन धीमा रह सकता है, लेकिन 2010-11 की दूसरी छमाही बेहतर रहने और 2011-12 में अच्छी रिकवरी आने की संभावना है। यह शेयर मौजूदा समय में अपनी 2010-11 की 58 रुपये की प्रति शेयर आमदनी (ईपीएस) के 9 गुना और वर्ष 2011-12 की अनुमानित आमदनी (74 रुपये) के 7 गुना मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है। विश्लेषकों को अगले एक साल के दौरान इस शेयर में 10-15 फीसदी का इजाफा होने का अनुमान है।
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