बीएसएनएल: नौकरियों की बहार | कंपनी 10,000 लोगों को नौकरी पर रखेगी जबकि सैम पित्रोदा समिति की रिपोर्ट में कर्मचारियों की छंटनी का सुझाव था | | मानसी तनेजा / नई दिल्ली July 22, 2010 | | | | |
सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) अपनी सेल्स ऐंड मार्केटिंग टीम में 10,000 नए लोगों को नौकरी पर रखने की योजना बना रही है। इन नए लोगों के आने के बाद कंपनी के मार्केटिंग विभाग में काम करने वालों की संख्या बढ़कर 25,000 हो जाएगी। यह टीम कंपनी के मोबाइल, ब्रॉडबैंड और 3जी से संबंधित कारोबार देखती है।
बीएसएनएल के प्रबंध निदेशक कुलदीप गोयल ने कहा कि कंपनी ने पहले ही अपने विभिन्न विभागों के कर्मचारियों में से 10,000 को प्रशिक्षित करके सेल्स विभाग में लगाया है। साथ ही कंपनी अगले एक-दो साल 10,000 से 15,000 लोगों को काम पर रखेगी। कंपनी का यह फैसला सैम पित्रोदा समिति की उस सिफारिश के खिलाफ है जिसमें यह कहा गया था कि बीएसएनएल को कर्मचारियों की संख्या को एक लाख कम करना चाहिए।
अभी बीएसएनएल में 3.5 लाख कर्मचारी काम करते हैं। समिति की इस सिफारिश का बीएसएनएल कर्मचारी यूनियन ने विरोध किया था और कहा था कि अगर इसे अमल में लाया जाता है तो वे हड़ताल पर चले जाएंगे। इसके अलावा बीएसएनएल ने देश भर के अपने परिचालन को एकीकृत करने का फैसला किया है ताकि धन और समय की बचत हो सके।
कंपनी अपने वित्त, मानव संसाधन, मार्केटिंग, रियल स्टेट और दूसरे कामों को एकीकृत करने के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) परियोजना लागू करने वाली है। गोयल ने कहा, 'ईआरपी परियोजना लागू करने से हमारी उत्पादकता और कार्यक्षमता बढ़ेगी। इसके बाद हमें सभी विभागों से सूचनाएं तुरंत प्राप्त हो सकेंगी।'
उन्होंने यह भी बताया कि एक निश्चित समय सीमा में लक्ष्य हासिल करने वाले कर्मचारियों खास तौर पर सेल्स विभाग के कर्मचारियों को कंपनी ने प्रोत्साहन भत्ता देना शुरू किया है। पहली बार कंपनी ने अपने अलग-अलग कारोबार के लिए अलग-अलग सेल्स विभाग स्थापित किए हैं। कंपनी ने 2जी कारोबार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मार्केटिंग गतिविधियों में तेजी ला रही है।
अगले साल निजी परिचालकों के आगमन से पहले बीएसएनएल ब्रॉडबैंड और 3जी क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाना चाहती है। हालांकि, उद्योग जगत के जानकारों का कहना है कि कंपनी ने 3जी के क्षेत्र में पहले आने के फायदे को गंवा दिया है। अभी कंपनी 450 शहरों में 3जी सेवाएं दे रही है और इस सेवा को अगले साल तक 750 शहरों में ले जाना चाहती है।
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