नकदी के संकट में हिचकोले खाती विशाल रिटेल लिमिटेड (वीआरएल) की नैया का चेन्नई का श्रीराम समूह खेवैया बन सकता है। दरअसल प्राइवेट इक्विटी निवेशक टेक्सस पैसिफिक गु्रप (टीपीजी) ने जब से विशाल रिटेल के थोक कारोबार की कमान संभाली है उसके बाद से श्रीराम समूह की विशाल में दिलचस्पी बढ़ी है। इससे जुड़े तीन अलग-अलग सूत्रों की मानें तो बयार इसी दिशा में बह रही है।
हालांकि इसको मुलम्मा चढ़ाने के लिए सभी शेयरधारकों और नियामकों की मंजूरी की दरकार होगी। सूत्रों का कहना है कि इस कवायद में श्रीराम कैपिटल की 100 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली समूह की होल्डिंग कंपनी श्रीराम ट्रस्ट अहम भूमिका अदा कर सकती है। अगर यह सौदा अमली जामा पहनता है तब इसके साथ ही श्रीराम समूह का दायरा मल्टी ब्रांड खुदरा तक फैल जाएगा।
शुरुआत में श्रीराम समूह 50 करोड़ रुपये का निवेश करेगा लेकिन अगर पंूजीगत जरूरतें बढ़ेंगी तो इस निवेश की सीमा बढ़ाई भी जा सकती है। यह खुदरा कंपनी कारोबार का विस्तार करने के लिए अलग-अलग लीज अनुबंध करेगी। दरअसल दिल्ली की खुदरा कंपनी विशाल रिटेल पिछले एक-डेढ़ साल से नकदी के संकट से जूझ रही है।
इसने अपने कर्जदाताओं से तकरीबन 740 करोड़ रुपये के कर्ज के पुनर्गठन करने की भी गुजारिश की थी। लेकिन कर्जदाताओं ने कंपनी की यह मांग ठुकरा दी जिससे इसका कारोबारी परिचालन प्रभावित होने लगा। ऐसे में टीपीजी इसके लिए संकटमोचक साबित हुई। इस दिग्गज निवेशक ने थोक कारोबार में 82 फीसदी हिस्सेदारी हासिल कर मोर्चा संभाला।
जबकि बाकी बची हुई हिस्सेदारी एसबीआई और एचडीएफसी जैसे कर्जदाताओं के पास है। इस सौदे के तहत टीपीजी शुरुआत में एकमुश्त 200 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए राजी हो गई जबकि इसने भविष्य में वृद्घि के लिए जरूरी पडऩे वाली राशि के तौर पर 300 करोड़ रुपये के निवेश के लिए भी रजामंदी दे दी। टीपीजी वीआरएल की थोक कारोबार कंपनी की सभी देनदारियों के निपटान के लिए भी तैयार हो गई।
हालांकि श्रीराम समूह की ओर से बन रहे नए समीकरणों पर समूह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि किसी ने भी उनसे विशाल रिटेल के खुदरा कारोबार की कमान हाथ में लेने के बारे में संपर्क नहीं किया है। समूह के अध्यक्ष आर त्यागराजन ने कहा, यह सही है कि टीपीजी के साथ हमारा नजदीकी रिश्ता है लेकिन इस मामले में न तो टीजीपी ने और न ही विशाल ने हमसें संपर्क किया है। फिलहाल इस मसले पर कोई बातचीत न हुई है और न ही आगे बढ़ी है।
हालांकि उन्होंने संभावनाओं को खारिज भी नहीं किया। उन्होंने कहा, हो सकता है कि आने वाले वक्त में इस मामले में कुछ हो लेकिन अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। इस मामले पर टीपीजी के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया गया। वहीं वीआरएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर सी अग्रवाल ने भी इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। कंपनी के जनसंपर्क विभाग का रवैया भी अपने मुखिया से अलग नहीं रहा।
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