हर ओर से आलोचनाओं का सामना कर रहे भारतीय स्टेट बैंक को ऋण नहीं देने फैसले से अपने कदम वापस खींचने पड़े।
अब वह ट्रैक्टरों और कृषि उपकरणों की खरीद पर ऋण देना जारी रखेगा। एसबीआई के चेयरमैन ओ. पी. भट्ट ने कहा कि ट्रैक्टरों और कृषि उपकरणों की खरीद के लिए ऋण नहीं देने के लिए जारी सर्कुलर को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर खंड में डिफॉल्टरों की संख्या हाल ही में काफी बढ़ी है, जिसके चलते बैंक को ऋण नहीं देने के बारे में सर्कुलर जारी करना पड़ा। हालांकि इस फैसले का गलत अर्थ निकाला गया, जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक रंग देने की भी कोशिश की।
यही वजह है कि एसबीआई को अपने कदम वापस खींचने पड़े। बैंक के निर्णय का विरोध राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ ट्रैक्टर निर्माता भी कर रहे थे और इसे तुरंत वापस लेने की मांग कर रहे थे। दरअसल, उनका कहना था कि ट्रैक्टर के लिए ऋण नहीं मिलने से कृषि उत्पादन पर भी असर पड़ेगा, वहीं ट्रैक्टर उद्योग पर भी संकट खड़ा हो सकता है।
उधर, भट्ट ने कहा कि देश भर की शाखाओं को हम इस बात के लिए तैयार करने का प्रयास कर रहे हैं कि किसान सरकारी स्कीमों का फायदा उठा सकें और बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियां कम हों।
बैंक के कृषि एवं ग्रामीण ऋण पोर्टफोलियो को मजबूत करने की महत्वाकांक्षी योजना है और वर्ष 2008-09 के दौरान कृषि ऋण क्षेत्र में 33 प्रतिशत की वृध्दि दर का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि मौजूदा समय में देश में 95 फीसदी ट्रैक्टर की बिक्री बैंकों द्वारा फिनांस के जरिए की जा रही है, जिसमें एसबीआई का अहम योगदान है।
ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों के लिए कर्ज नहीं देने का सर्कुलर वापस
ट्रैक्टर निर्माताओं और राजनीतिक विरोध के चलते बैंक को झुकना पड़ा