स्टैंडर्ड चार्टर्ड पीएलसी: विकास की राह पर है अग्रसर
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शरत चेल्लुरी / July 12, 2010
आर्थिक हालात में सुधार को देखते हुए स्टैंडर्ड चार्टर्ड के प्रबंधन को वित्त वर्ष 2010 की पहली छमाही में शानदार प्रदर्शन रहने की उम्मीद है। एशिया, अफ्रीका और पश्चिम एशिया में उभरते बाजारों से अपनी 90 फीसदी से अधिक आय हासिल करने वाले स्टैंडर्ड ऐंड चार्टर्ड बैंक ने अपने ज्यादातर प्रतिस्पर्धियों को मात दी है। बैंक को 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद तेजी से बहाली दर्ज करने वाले इन बाजारों के प्रति अपेक्षाकृत अधिक ध्यान केंद्रित किए जाने की वजह से यह बढ़त हासिल हुई है।
भले ही यूरोप से प्राप्त होने वाली ताजा खबरें उत्साहजनक नहीं हैं, लेकिन स्टैनचार्ट अपने विकास के लिए कंज्यूमर एवं होलसेल बैंकिंग व्यवसाय पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। इंडियन डिपोजिटरी रिसीट की लिस्टिंग के बाद अपने पहले एनालिस्ट कॉल में इसके प्रबंधन ने जनवरी-मई 2010 के बैंक के प्रदर्शन और भावी परिदृश्य पर अपने विचारों को साझा किया। बैंक को वर्ष 2010 के पहले 6 महीनों में आय समान रहने की उम्मीद है, लेकिन वर्ष 2010 की दूसरी छमाही में इसके बढ़ कर दोहरे अंक में पहुंच जाने की संभावना है।
व्यवसाय में वृद्घि
कंज्यूमर बैंकिंग की तुलना में स्टैनचार्ट ने पिछले दो वर्षों में होलसेल बैंकिंग बिजनेस को सुरक्षित बनाने के लिए उधारी पर अधिक ध्यान दिया है। इससे बैंक को अपने होलसेल बैंकिंग व्यवसाय में 20 फीसदी सालाना की शानदार वृद्घि दर्ज करने में मदद मिली है। कंज्यूमर बिजनेस में सीमित उधारी से यह सुनिश्चित हुआ है कि इसके होलसेल बैंकिंग की हिस्सेदारी 2009 में बढ़ कर लगभग 61 फीसदी हो गई जो 2007 में 47 फीसदी थी। बैंक को सीमा-पार क्षमताओं के साथ अपने मजबूत शाखा नेटवर्क की वजह से अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रवाह का लाभ उठाने में मदद मिली है।
अब आर्थिक हालात में धीरे धीरे सुधार आ रहा है और बैंक कंज्यूमर सेगमेंट के लिए उधारी बढ़ा सकता है। कंज्यूमर व्यवसाय में उधारी पिछले दो वर्षों में औसतन 7-8 फीसदी बढ़ी है और 2010 में इसकी गति में तेजी आनी चाहिए। इस सेगमेंट में मुनाफा वृद्घि भी शानदार रहने की उम्मीद है।
नजरिया
यूरोप के लिए स्टैनचार्ट के सीमित जोखिम को अनिश्चिततता वाले इस माहौल में शुद्घ संकेत माना जा रहा है। पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल बरकरार है। बैंक 11.5 फीसदी की अपनी टियर-1 पूंजी के साथ अच्छी तरह से पूंजीकृत है जो विकास के लिए ईंधन मुहैया कराने के लिए मददगार के तौर पर काम करेगा। सकारात्मक तथ्य यह है कि इसके प्रबंधन ने कहा है कि वर्ष 2010 की पहली छमाही में होलसेल बैंकिंग सेगमेंट में हानि प्रभार पिछले साल की समान अवधि की तुलना में लगभग आधा होगा। कंज्यूमर बैंक खंड में यह वर्ष 2010 की दूसरी छमाही के स्तरों का लगभग दो-तिहाई बना रहेगा। यह सकारात्मक स्थिति है और इससे मुनाफे में सुधार आना चाहिए।
दूसरी तरफ हालांकि व्यावसायिक माहौल सुधर रहा है, लेकिन प्रतिस्पर्धा और कठोर हो सकती है और भविष्य में विकास के लिए अधिक निवेश लागत में इजाफा कर सकता है। विश्लेषक 2010 में लागत में 11 फीसदी की वृद्घि की उम्मीद कर रहे हैं, जिससे कॉस्ट-टु-इनकम रेशियो वर्ष 2010 में बढ़ कर 55 हो जाने की उम्मीद है जो 2009 में 52 था।
कुल मिला कर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि बैंक वित्त वर्ष 2010 और 2011 में आय में क्रमश: 23.5 फीसदी और 16.3 फीसदी की वृद्घि दर्ज करेगा। 106.25 रुपये पर इसका शेयर 2010 की अनुमानित बुक वैल्यू के 2.4 गुना पर कारोबार कर रहा है और दीर्घावधि के लिहाज से इस शेयर को खरीदा जा
सकता है।
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