छोटी बायोटेक कंपनियों पर पीरामल हेल्थकेयर की नजर | अमेरिका और यूरोप में कंपनी करेगी अधिग्रहण | | जो मैथ्यू / नई दिल्ली June 27, 2010 | | | | |
पीरामल हेल्थकेयर अमेरिका, यूरोप और कनाडा में बायोटेक क्षेत्र में अधिग्रहण करने की संभावना तलाश रही है। एबट को अपना घरेलू फॉम्युर्लेशन कारोबार बेचने से कंपनी की सालाना आय में करीब 2,000 करोड़ रुपये की कमी आ सकती है। यही वजह है कि कंपनी बायोटेक क्षेत्र में पैठ बढ़ाकर इस कमी को पूरा करना चाहती है।
पीरामल हेल्थकेयर के चेयरमैन अजय पीरामल ने बताया कि हम अपने पोर्टफोलियो में छोटी (बायोटेक) कंपनियों को शामिल करना चाहते हैं, जिसका अधिग्रहण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कनाडा में पीरामल ने बायोसिंटेक का अधिग्रहण हाल ही में किया है।
पीरामल के मुताबिक, यूरोप और अमेरिका में शोध से संबंधित कई छोटी बायोटेक कंपनियां हैं, जो मंदी के चलते वित्तीय संकट का सामना कर रही हैं। ऐसे में हम उन कंपनियों में निवेश कर उनके शोध कार्यक्रम को आगे बढ़ा सकते हैं।
पीरामल लाइफ साइंसेज शोध और विकास का काम करती है। कंपनी के पास करीब 400 वैज्ञानिक, जिनमें से 40 विदेशी हैं। कंपनी को लगता है कि उनके वैज्ञानिक/चिकित्सक छोटी बायोटेक कंपनियों के शोध कार्यक्रम को अपनी क्षमता से आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी अभी कैंसर, दर्द, मेटाबॉलिक डिस्ऑर्डर और संक्रामक बीमारियों के उपचार पर ध्यान दे रही है।
कार्टिलेज पोर्टफोलियो में नया शामिल हुआ है। पीरामल ने कहा कि अधिग्रहण के साथ-साथ कंपनी अपना कारोबार का भी विस्तार करेगी। पीरामल का मानना है कि उसके कुछ शोध क्लिनिकल ट्रायल के विभिन्न चरणों में है और इसके सफल होने से भी कंपनी की आय में तेजी आनेे की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अभी करीब 14 दवाइयों पर काम चल रहा है, जिनमें से कुछ निकट भविष्य में विकसित हो सकते हैं।
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