तमाम जद्दोजहद के बाद आखिर सरकार ने पेट्रोल की कीमत से अपना शिकंजा हटा ही लिया। उसने पेट्रोल के मूल्य अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत के मुताबिक रखने पर हरी झंडी दे दी। इसके साथ ही पेट्रोल की कीमत में 3.50 रुपये प्रति लीटर का इजाफा होना तय है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अगुआई में मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह की बैठक में आज यह फैसला किया गया। तेल सचिव एस सुंदरेशन ने बैठक के बाद बताया कि सरकार ने डीजल के मूल्य को नियंत्रण मुक्त नहीं किया है, लेकिन उसमें 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी कर दी है। इसके साथ ही केरोसिन के दाम में 3 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस के मूल्य में 35 रुपये प्रति सिलिंडर का इजाफा कर दिया गया है। सुंदरेशन ने बताया, 'यह फैसला किया गया है कि पेट्रोल की कीमत रिफाइनरी में और रिटेल आउटलेट यानी पंप पर बाजार मूल्य के हिसाब से ही तय होगी। डीजल की कीमत पर से सरकारी अधिकार भी खत्म कर दिया जाएगा।' दिल्ली में अभी पेट्रोल 47.93 रुपये प्रति लीटर और डीजल 38.10 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने बताया कि मूल्य वृद्धि आज मध्य रात्रि से लागू हो जाएगी। इस साल सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में यह तीसरी बढ़ोतरी की है। पहली बार 27 फरवरी को इनके दाम बढ़े थे, जब वित्त मंत्री ने उन पर शुल्क बढ़ाए थे। दूसरी बार 1 अप्रैल को भारत स्टेज 4 मानक के अनुरूप ईंधन लाए जाने पर कीमत बढ़ी थी। बाजार के हिसाब से कीमत तय करने का सीधा मतलब यह होगा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने पर उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल की ज्यादा कीमत देनी होगी। इसी तरह कच्चा तेल सस्ता होने पर देश में भी पेट्रोल और डीजल सस्ते हो जाएंगे। लेकिन सरकार ने अभी यह तय नहीं किया है कि कीमतों में कमी या बढ़ोतरी कितने-कितने अंतराल पर की जाएगी। फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 77 डॉलर प्रति बैरल बिक रहा है। इससे मनमोहन सिंह सरकार के राजकोषीय घाटे में भी अच्छी खासी कमी आ जाएगी। बाज़ार में पहुंची धार पेट्रोल की कीमत से नियंत्रण हटने की वजह से मूल्य में होगा 3.50 रुपये का इज़ाफा सरकारी तेल विपणन कंपनियों को बिक्री से हो रहा रोज़ाना 215 करोड़ रुपये का घाटा पेट्रोल पर 3.73 रुपये प्रति लीटर, डीज़ल पर 3.80 रुपये प्रति लीटर, केरोसिन पर 18.82 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 261.90 रुपये प्रति सिलिंडर का है घाटा
