...राजनीतिक दलों ने की सरकार की खिंचाई | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली June 25, 2010 | | | | |
पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाई जाने की विपक्षी दल भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों ने कड़ी आलोचना की।
सरकार में शामिल डीएमके भी कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ रही। एमके अलगिरी ने ईजीओएम बैठक में कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जनता पर अतिरिक्त बोझ डालेगी क्योंकि प्रस्तावित बढ़ोतरी काफी ज्यादा है।
उन्होंने अपने दिए वक्तव्य में कहा, 'एलपीजी का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में निम्न मध्यमवर्गीय परिवार करते हैं और उन पर पहले ही महंगाई का काफी बुरा असर पड़ा है। इस वजह से यह बढ़ोतरी उनकी खरीद क्षमता पर काफी बुरा असर डालेगी।'
तृणमूल कांग्रेस और डीएमके ने संकेत दिए हैं कि आम आदमी पर पड़ने वाले इस बोझ के खिलाफ वे अपनी आवाज उठाएंगे, मगर यूपीए के साथ अपने राजनीतिक गठबंधन को अस्थिर नहीं करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी किए जाने के शुक्रवार के फैसले को हम तुरंत प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग करते हैं। चुनाव जीतने के बाद इस बढ़ोतरी से सरकार ने जनता के विश्वास का मजाक बनाया है।'
जावड़ेकर ने कहा, 'बीजेपी इस निर्णय की निंदा करती है। लोग कीमतों में बढ़ोतरी के सकल असर से जूझ रहे हैं। ऐसा लगता है कि सरकार ने आम आदमी को खत्म ही कर देने का मन बना लिया है।' माक्सर्र्वादी कम्युनिस्ट पार्टी , कम्युनिस्ट पार्ट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी ने कहा है कि यह बढ़ोतरी उन लोगों की मुश्किलों को और बढ़ा देगी जो 17 फीसदी की खाद्य महंगाई से जूझ रहे हैं।
पेट्रोल की कीमत 3.50 रुपये प्रति लीटर बढ़ी है। डीजल 2 रुपये प्रति लीटर, केरोसीन का तेल 3 रुपये प्रति लीटर और खाना पकाने की गैस 35 रुपये प्रति सिलेंडर महंगी हो गई है। वामपंथी धड़े ने कहा, 'भारत के बारे में यह माना जा रहा है कि पूरी दुनिया में उपभोक्ता मूल्य महंगाई भारत में सबसे ज्यादा है।'
वाम दलों ने कहा कि कीमतों को अभी तीन महीने पहले ही बढ़ाया गया था। इन दलों ने कहा, 'इस अवधि में अतंरराष्ट्रीय तेल कीमतें इतनी अधिक नहीं बढ़ी है। और, ना ही सरकार पेट्रोल पदार्थों पर कर ढांचे को तार्किक करने के लिए तैयार है। यही तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़े पैमाने पर इजाफा कर रहा है।'
उन्होंने यह भी कहा कि यह एक भ्रम ही है कि इस कदम से सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को होने वाली अंडर-रिकवरी से सुरक्षा मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये तथाकथित अंडर रिकवरियां पूरी तरह से धारणात्मक कीमतों पर आधारित हैं, जिनकी गणना बिना उत्पादन की असल लागत जाने की गई है।
वाम दलों ने कहा कि इस कदम के खिलाफ वे विरोध-प्रदर्शन आयोजित करेंगी। लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने कहा कि लोग महंगाई से पीड़ित और त्रस्त थे। अब पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम में वृध्दि किए जाने से मंहगाई और बढेग़ी। सरकार को मूल्यवृध्दि वापस लेनी चाहिए।
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