निवेश बैंकरों और ब्रोकरेज कंपनियों को भी अस्थायी तौर पर आंकड़े नहीं होंगे उपलब्ध
विवेट सुजन पिंटो / मुंबई June 08, 2010
नील्सन कंपनी ने विश्लेषक समुदाय को बाजार में विभिन्न कंपनियों की हिस्सेदारी संबंधी आंकड़े मुहैया कराना अस्थायी तौर पर बंद कर दिया है। हालांकि एफएमसीजी कंपनियों को कंपनी अपनी सेवाएं उपलब्ध कराना जारी रखेगी। कंपनी अपने इस फैसले पर जून 2011 तक अमल कर सकती है और उसके बाद वह अपने इस फैसले की समीक्षा करेगी।
उल्लेखनीय है कि फाइनैंशियल इंडेक्स ट्रैक ब्रंाड के तहत नील्सन विश्लेषकों को हाल तक हरेक महीने एफएमसीजी कंपनियों के बाजार हिस्सेदारी संबंधी आंकड़े मुहैया कराती आई है। निवेश बैंक और ब्रोकर भी इंडेक्स ट्रैक की सेवाएं लेते आएं हैं। लेकिन अब उन्हें जल्दी ही इस सेवा से महरूम होना पड़ सकता है। नील्सन के फैसले के बाद विश्लेषकों और बैंकरों को अपनी निवेश संबंधी रिपोर्ट और फैसलों के लिए अब कंपनियों द्वारा दिए गए उनकी बाजार हिस्सेदारी के आंकड़ों पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
नील्सन के एक प्रवक्ता ने फैसले की पुष्टिï करते हुए कहा कि कंपनी ने फाइनैंशियल इंडेक्स ट्रैक सर्विस की सेवा लंबित रखी हैं जो मई 2010 से प्रभावी मानी जाएगी।
गौरतलब है कि नील्सन की सेवाएं लेने वाली ब्रोकरेज कंपनियों की संख्या अधिक नहीं हैं जिसकी वजह फीस का बहुत ज्याद होना है। ब्रोकरेज कंपनियों को नील्सन की सेवाएं लेने के लिए सालाना 15 लाख रुपये का भुगतान करना होता है। हालांकि इसके बाद आंकड़े मुहैया करने में कंपनी की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसकी सेवा लेने वालों में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, मॉर्गन स्टैनली और डीएसपी मेरिल लिंच का नाम शुमार हैं। मॉर्गन स्टैनली और डीएसपी मेरिल लिंच की कंपनियों के संबंध में दी गई रिपोर्ट को बड़े ध्यान से पढ़ा जाता है।
मसलन, करीब दो सप्ताह पहले ही मॉर्गन स्टैनली ने नील्सन के आंकड़ों पर आधारित अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) को बाजार में अपनी हिस्सेदारी रोकने के प्रयासों को उतनी सफलता नहीं मिली है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनी की कुछ महत्वपूर्ण श्रेणियों जैसे साबुन, लॉन्डरी, ओरल केयर और स्किन केयर की बाजार हिस्सेदारी में काफी गिरावट आई है। यह रिपोर्ट अप्रैल 2010 के आंकड़ों पर आधारित थी। कंपनी में निवेश के कई फैसलों का मॉर्गन स्टैनली की इस रिपोर्ट से सीधा संबंध है।
आखिर नील्सन के इस फैसले की क्या वजह है? इस बारे में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, 'नील्सन अपनी सेवाओं का दायरा बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है और ग्रामीण और तेजी से उभरते शहरी बाजारों में अपना प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। इसके साथ ही कंपनी आंकड़े जुटाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रही है जिसके लिए बड़े स्तर पर निवेश की जरूरत है। एफएमसीजी कंपनी के एक अधिकारी का कहना था, 'एनॉलिस्ट बेंचमार्क कंपनियां नील्सन से आंकड़े लेती हैं। अगर आंकड़े सकरात्मक नहीं होते हैं तो रिपोर्ट के भी सकारात्मक रहने की संभावना काफी कम होती है। इससे समीक्षाधीन कंपनियों की समीक्षा पर स्पष्टï तौर पर असर पड़ता है। इसकी वजह यह होती है कि लोग इन रिपोर्ट को पढ़ कर ही निवेश संबंधी फैसले लेते हैं।Ó हालांकि, नील्सन के आंकड़ों में अनियमितता की शिकायतें भी मिली हैं।
करीब छह महीने पहले ही डाबर ने नील्सन के आंकड़ों का यह कहते हुए विरोध किया था कि आंकडें़ सही तस्वीर नहीं पेश कर रहे हैं। इसके बाद नील्सन ने कहा कि वह इस तरह की शिकायतों से निपटने के लिए एक समग्र योजना तैयार कर रही है। नील्सन के आंकडों में अनियमितता के बारे में डाबर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी सुनील दुग्गल का कहना था, 'नील्सन की रिपोर्ट और हमारे अपने आंकड़ों में काफी अंतर होता है और इसी वजह से परेशानी शुरू होती है।
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