बाजार के अस्थिर माहौल को देखते हुए रियल्टी क्षेत्र की कंपनियां आईपीओ लाने की योजना टाल रही हैं। रियल्टी क्षेत्र की दो कंपनियां लोढ़ा डेवलपर्स और एम्मार एमजीएफ अपने आईपीओ को टाल सकती हैं। निवेश बैंकरों और डेवलपरों ने कहा कि बाजार के डावांडोल हालात के कारण ओबेरॉय, नेपच्युन और सहारा जैसी कंपनियां आईपीओ तो ला रही हैं लेकिन उसके जरिए जुटाई जाने वाली रकम कम कर दी है। एम्मार एमजीएफ ने जून मध्य में आने वाले अपने आईपीओ के जरिए 3,850 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। लेकिन बाजार में अटकलें लगाई जा रही हैं कि कंपनी लक्षित रकम में 20 फीसदी की कटौती कर सकती है। इस बारे में एम्मार एमजीएफ के प्रवक्ता ने कहा, 'अभी तक कंपनी ने आईपीओ को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। हमारे पास एक साल का समय है और हम सही समय पर बाजार में आएंगे।' नेपच्यून डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक नयन भेदा ने बताया, 'बाजार के हालात देखकर आईपीओ का आकार घटना लाजिमी है। लेकिन अब भी आईपीओ में निवेश करने वालों की कमी नहीं है।' बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मिलने के बाद करीब 12 रियल्टी कंपनियां आईपीओ के जरिए बाजार से 12,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। हालांकि कंपनियां इससे पहले बाजार के हालात उनके माकूल होने का इंतजार कर रही हैं। मुंबई की एक डेवलपर कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'फिलहाल डेवलपरों को बाजार के हालात आईपीओ के अनुकूल नहीं लग रहे हैं। मुझे नहीं लगता कि कोई कंपनी अगले एक दो महीने में अपना आईपीओ लाएगी। हम सभी बाजार की हालत अच्छी होने का इंतजार कर रहे हैं।' लोढ़ा डेवलपर्स के प्रबंध निदेशक अभिषेक लोढ़ा ने कहा, 'हमें बाजार में आने की कोई जल्दी नहीं है। हम अगले दो महीनों तक आईपीओ नहीं लाएंगे।' बीएसई में रियल्टी सूचकांक में अप्रैल से लेकर अब तक 15 फीसदी की गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष के दौरान सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध डेवलपरों को करीब 25,000 करोड़ रुपये के कर्ज का भुगतान करना है। सलाहकार कंपनी डीटीजेड के निदेशक (अंतरराष्ट्रीय संपत्ति में निवेश) अंबर माहेश्वरी ने कहा, 'बाजार में इतनी अस्थिरता है कि इसके ठहरने पर ही डेवलपर अपनी कंपनी की सही कीमत लगा पाएंगे।' ज़ोर का झटका बाज़ार की हालत देख टल रहे हैं आईपीओ कुछ कंपनियों ने घटाया आईपीओ का आकार लोढ़ा डेवलपर्स और एम्मार एमजीएफ का आईपीओ टला रियल एस्टेट को बाज़ार सुधरने का इंतजार
