भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की 2जी सेवाओं के लिए की गई सिफारिशों के विरोध में जीएसएम सेवाएं मुहैया कराने वाली भारती एयरटेल, वोडाफोन एस्सार और आइडिया सेल्युलर ने दूरसंचार न्यायाधिकरण टीडीसैट के पास याचिका दायर की है। कंपनियां स्पेक्ट्रम आवंटन और लाइसेंसिग के बारे में हुई सिफारिशों से भी नाखुश हैं और उन्हें भी याचिका में शामिल किया है। 11 मई को पेश की गई अपनी रिपोर्ट में ट्राई ने सिफारिश की है कि 6.2 मेगाहट्र्ज से अधिक स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल करने वाली कंपनियों को 3जी की कीमत के बराबर ही एकमुश्त भुगतान करना होगा। इसके साथ ही 2जी स्पेक्ट्रम लाइसेंस का नवीकरण भी बाजार कीमत पर ही किए जाने की सिफारिश की गई है। वोडाफोन एस्सार के अधिकारी ने टीडीसैट में याचिका दायर करने की बात तो स्वीकारी लेकिन इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ट्राई ने यह भी कहा है कि 900 मेगाहट्र्ज बैंड वाली कंपनियों को 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में रखा जाए, जिससे यह बैंड 3जी और 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए खाली हो सके। 3जी के आधार पर 2जी की कीमत तय करने का काम ट्राई 15 जुलाई तक कर लेगा। ट्राई चाहता है कि सरकार उसकी यह रिपोर्ट आने तक इस बारे में कोई फैसला नहीं ले। जीएसएम कंपनियां ट्राई की सिफारिशों का विरोध कर रही हैं और उन्होंने सरकार से इस रिपोर्ट को खारिज करने की मांग की है। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को कहा है कि नियामक 2जी और 3जी कीमतों पर अलग से अध्ययन कर रहा है। ट्राई के चेयरमैन जे एस सरमा ने कहा, 'मैंने कंपनियों से 15 जून तक इस बारे में उनकी राय देने के लिए कहा है और उसके बाद ही 15 जुलाई तक रिपोर्ट दी जाएगी।' नई जंग के मिलने लगे सिग्नल ट्राई के खिलाफ टीडीसैट पहुंची कंपनियां स्पेक्ट्रम आवंटन और लाइसेंसिग सिफारिशों से नाखुश इनसे पड़ेगा हज़ार अरब रुपये का बोझ नियामक ने कंपनियों से 15 जून तक सुझाव देने को कहा ट्राई स्पेक्ट्रम कीमत पर सरकार को देगा 15 जुलाई तक रिपोर्ट
