एबट ने खाई पीरामल की दवाई | 17,300 करोड़ रुपये में खरीदा पीरामल हेल्थकेयर का भारतीय फॉर्म्युलेशन कारोबार | | बीएस संवाददाता / मुंबई May 22, 2010 | | | | |
भारतीय दवा उद्योग में अधिग्रहण का खेल शुरू करने वाले अजय पीरामल की कंपनी पीरामल हेल्थकेयर का देसी फॉर्म्युलेशन कारोबार एबट के हाथ में आ गया है।
पीरामल ने आज ऐलान किया कि अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी उसका यह कारोबार 370 करोड़ डॉलर यानी तकरीबन 17,300 करोड़ रुपये में खरीद रही है। पीरामल को इस सौदे के तहत लगभग 10,000 करोड़ रुपये की नकदी सौदा पूरा होते ही हासिल हो जाएगी।
सौदा इसी साल की दूसरी छमाही में पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद अगले 4 साल तक उसे सालाना तकरीबन 1,850 करोड़ रुपये हासिल होंगे। भारतीय दवा क्षेत्र में यह दूसरा सबसे बड़ा अधिग्रहण सौदा है। इससे पहले जापानी कंपनी दाइची सैंक्यो ने 2008 में तकरीबन 25,000 करोड़ रुपये में रैनबैक्सी का अधिग्रहण किया था।
इस सौदे के साथ ही एबट 60,000 करोड़ रुपये के भारतीय दवा बाजार में सबसे बड़ी खिलाड़ी बन जाएगी। इस बाजार में उसकी हिस्सेदारी 7 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी और वह एक दशक से भी ज्यादा समय से बाजार पर राज कर रही रैनबैक्सी और सिप्ला को पछाड़ देगी।
पीरामल हेल्थकेयर की सालाना आय में 2,000 करोड़ रुपये के देसी फॉर्म्युलेशन कारोबार की आधे से ज्यादा हिस्सेदारी है। इसकी कमाई सालाना 20 फीसदी बढ़ रही है। एबट के मुताबिक इस हिसाब से आंकड़ा 2020 तक 11,500 करोड़ रुपये हो जाएगा।
अधिग्रहण करने के लिए मशहूर कंपनी के खुद ही अधिगृहीत होने की बात पर पीरामल ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि हम इस कंपनी को वैश्विक स्तर पर ले जाने की हालत में थे। एबट के पास इसके लिए ताकत और हौसला है। 25 फीसदी सालाना की दर से बढ़ने वाले ज्यादा बाजार नहीं हैं और एबॉट के लिए भारत में यह अच्छा मौका है।'
पीरामल ने संवाददाताओं को बताया कि पीरामल हेल्थकेयर सौदे में मिली रकम का 22 फीसदी हिस्सा यानी करीब 3,740 करोड़ रुपये पूंजीगत लाभ कर और दूसरे भुगतान में खर्च करेगी। बाकी पैसे का इस्तेमाल 1,300 करोड़ रुपये के कर्ज निपटाने, शेयरधारकों को विशेष लाभांश देने और दूसरे क्षेत्रों में कारोबार बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
लेकिन कंपनी का मुख्य कारोबार बिकने से पीरामल के शेयरधारक खुश नहीं हुए और बंर्ब स्टॉक एक्सचेंज पर इसका शेयर 11.81 फीसदी गिरकर 502.35 रुपये पर बंद हुआ। एबट की भारतीय सहयोगी एबट इंडिया का शेयर 3.71 फीसदी चढ़कर 52 हफ्तों के उच्चतम भाव 1,210 रुपये तक पहुंचा और अंत में 1,069.90 रुपये पर बंद हुआ।
बदल जाएगी देसी दवा बाज़र की सूरत
क्या है सौदा
पीरामल ने क्या बेचा
देसी फॉर्म्युलेशन कारोबार
2,000 करोड़ रुपये के कारोबार वाले 350 ब्रांड
5,500 कर्मचारी
बद्दी में विनिर्माण इकाइयां
क्या बचा पीरामल के पास
1,700 करोड़ रु. कारोबार वाली संपत्तियां
भारत, ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में 11 संयंत्र
ठेके पर विनिर्माण का कारोबार
क्रिटिकल केयर कारोबार
थोक में दवा आपूर्ति का कारोबार
विटामिन, फाइन केमिकल
डायग्नोस्टिक्स, उपकरण और दवा खोज
भारत में एबट की कहानी
1910 से भारत में कारोबार
750 करोड़ रुपये कारोबार के साथ दवा, पोषण और औषधि
मुंबई में मुख्यालय, भारत में 2,500 से ज्यादा कर्मचारी
सौदे के बाद बन जाएगी 400 उत्पादों के साथ शीर्ष देसी कंपनी
किसे मिलेगा सिंहासन
एबट
सिप्ला
रैनबैक्सी
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन
सन फार्माल्युपिन
इनके बयां जुदा जुदा
'अगर मैं रकम कमाना और समंदर के किनारे आराम करना चाहता तो मैं अपनी हिस्सेदारी बाज़ार में बेच देता। जब 22 साल पहले मैंने दवा कारोबार में कदम रखा था तो लोग इसे अलविदा कह रहे थे। मुझे तब इसमें मौका नज़र आया था।'
अजय पीरामल, चेयरमैन, पीरामल हेल्थकेयर
'इस महान देश में पिछले 100 साल में शायद हम सबसे पुरानी दवा कंपनियों में शामिल हैं। पीरामल का देसी कारोबार हमारे लिए बहुत अहम है और भारत में शीर्ष की जेनेरिक कंपनी बनकर हम बहुत खुश हैं।'
माइकल जे वार्मथ, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, एबट
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