बंदरगाह परियोजनाओं की बढ़ेगी रफ्तार | कात्या नायडू / मुंबई May 22, 2010 | | | | |
इस साल सिर्फ हाईवे परियोजनाएं ही इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनियों की पसंदीदा परियोजनाएं नहीं होंगी बल्कि बंदरगाह क्षेत्र में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) परियोजनाओं की तादाद भी बढ़ रही है।
इस साल लगभग 17 बड़ी बंदरगाह परियोजनाएं आवंटित किए जाने की योजना है। इन बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (बीओटी) परियोजनाओं के दायरे में नए टर्मिनलों के निर्माण से लेकर कारगो बर्थ का निर्माण और संयंत्रों के कामकाज का मशीनीकरण आदि शामिल हैं। इन परियोजनाओं में से कम से कम आठ परियोजनाएं बड़े आकार हैं जो 500 करोड़ रुपये से 7,000 करोड़ रुपये की रेंज में हैं।
सरकार नए मंगलूर लौह अयस्क टर्मिनल, विजाग बंदरगाह पर अतिरिक्त बर्थ, गोवा कोल बर्थ और कुड्डालोर के लंगर बंदरगाह में इसी तरह की छोटी परियोजनाओं के निर्माण आदि के लिए बोली पहले ही आमंत्रित कर चुकी है।
एस्सार शिपिंग, पोर्ट्स एंड लॉजिस्टिक्स के निदेशक वी अशोक ने कहा, 'पिछले साल मंदी के बावजूद बंदरगाह क्षेत्र में विकास गतिविधियां देखी गईं। इस साल सरकार इसमें तेजी लाना चाहती है। हम अगले दो-तीन साल में इस क्षेत्र में गतिविधियों में काफी इजाफा देखेंगे।'
वित्तीय हालात में सुधार और बंदरगाह यातायात में बदलाव की वजह से परियोजनाओं की घोषणाओं में इजाफा हुआ है। 2008 में अमेरिका और यूरोप में मंदी के बाद बंदरगाह यातायात और दरों में काफी कमी आ गई थी।
बंदरगाह यातायात में आई तेजी ने कंपनियों और निवेशकों को बंदरगाह ढांचा विकास में भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया है। पिछले महीने कंटेनर कारगो 23 फीसदी, लौह अयस्क कारगो 13 फीसदी तक बढ़ा। पिछले महीने पेट्रोलियम कारगो भी पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 1.3 फीसदी तक बढ़ा।
केपीएमजी के लीडर (इन्फ्रास्ट्रक्चर) अरविंद महाजन ने कहा, 'बंदरगाह यातायात में काफी सुधार आया है, क्योंकि आयात और निर्यात दोनों में विदेशी व्यापार की भागीदारी बढ़ी है। हमें यह ध्यान में रखना होगा कि जीडीपी की प्रतिशतता के रूप में विदेशी व्यापार अन्य देशों की तुलना में बेहद छोटा है। इसमें तेजी आएगी।'
मालवाहन गतिविधि में इजाफा होने की उम्मीद है, खासकर बिजली क्षेत्र द्वारा इस्पात निर्यात व्यापार और कोयला आयात की बढ़ती मांग की वजह से ड्राई बल्क सेगमेंट में इसमें इजाफा होगा।
जेएसडब्ल्यू इन्फ्रास्ट्रक्चर के संयुक्त प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी बी जे वी के शर्मा ने कहा, 'वर्ष 2012 तक बल्क कारगो यानी थोक माल में 10-12 फीसदी तक का इजाफा होगा। अगर बिजली क्षमता में वृद्धि के 60 फीसदी के अनुमानित लक्ष्य को हासिल कर लिया जाता है तो हम 2017 तक 17 करोड़ टन कोयला आयात की संभावना तलाशेंगे।
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