कारोबार पर यूनान का असर, नकदी बेअसर | एजेंसियां / तिरुवनंतपुरम May 20, 2010 | | | | |
देश के केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 3जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने वाली दूरसंचार कंपनियों के खर्च बढ़ने से बैंकों में नकदी व्यवस्था चरमराने की आशंका को सिरे से खारिज कर दिया है।
3जी स्पेक्ट्रम के लिए दूरसंचार कंपनियों ने 67,000 करोड़ रुपये तक की बोली लगाई है। आरबीआई के गर्वनर डी सुब्बाराव का कहना है कि इससे नकदी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और बैंक अपनी प्रक्रिया के तहत दूरसंचार कंपनियों को कर्ज दे सकते हैं।
बुधवार को 3जी मोबाइल फोन लाइसेंस के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी कल खत्म हुई। उम्मीद है कि इससे सरकार को 67,710 करोड़ रुपये मिलेंगे। यह राशि आम बजट के अनुमान से करीब दोगुनी है। रिजर्व बैंक की बोर्ड की बैठक के बाद सुब्बाराव ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय बैंक, बैंकों के जरिये दिए जाने वाले शिक्षा ऋण को पूरा समर्थन देता है।
हालांकि, यह बैंक प्रबंधक की जिम्मेदारी है कि वह ऋण वसूली को सुनिश्चित करे। इसके लिए यह जरूरी है कि योग्यता के आधार पर हर आवेदन की अच्छी तरह से जांच-पड़ताल की जाए। नकली नोटों के प्रसार की समस्या पर सुब्बाराव ने कहा कि इसे रोकने के लिए कोई ऐसा तरीका नहीं है जिसमें कोई खामी न हो। लेकिन रिजर्व बैंक ने इस पर अंकुश लगाने के लिए पूरी कोशिश कर रहा है।
तिरुवनंतपुरम की बैठक छोटे और मझोले उद्योग के लिए कर्ज में बढाेतरी और सह-परिचालित क्षेत्रों के लिए फिर से वित्त मुहैया कराने से जुड़े मसलों पर बातचीत करने के लिए बुलाई गई थी।
केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान आरबीआई के गर्वनर ने स्कूल के पाठयक्रम में वित्त के मूलभूत सिद्धांतों को शामिल करने का प्रस्ताव रखा। सुब्बाराव ने केरल सरकार के ट्रेजरी व्यवस्था को आधुनिक बनाए जाने और ट्रेजरी बैंक खाताधारी के लिए एटीएम सुविधा शामिल किए जाने को अपना समर्थन दिया है।
यूनान संकट का असर
यूनान संकट का असर भारत के कारोबार और सेवा निर्यातकों पर पड़ सकता है। भारतीय रिजर्र्व बैंक के गर्वनर डी सुब्बाराव का कहना है कि इस संकट का असर कारोबार और सेवा निर्यातकों पर देखा जा सकता है।
मुद्रास्फीति चिंताजनक
परिसंपत्तियों की कीमतों और मांग के दबाव में तेजी आने से भारत में मुद्रास्फीति के हालात चिंताजनक हैं। रिजर्व बैंक के गर्वनर का कहना है, 'भारत में मुद्रास्फीति हाल के दिनों में काफी चिंताजनक है। ग्रामीण क्षेत्रों में आय के स्तर में इजाफा हो रहा है, इसी वजह से संरचनात्मक मुद्रास्फीति की बात की जा रही है।'
...केंद्रीय बैंक को हैं उम्मीदें
बैंकिंग तंत्र की नकदी में नहीं आएगी कमी
देश के कारोबार और सेवा निर्यातकों पर पड़ सकता है असर
मुद्रास्फीति के हालात हैं थोड़े चिंताजनक
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