समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात बढ़ा | बीएस संवाददाता / कोच्चि May 20, 2010 | | | | |
समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में जहां मात्रा और मूल्य- दोनो आधार पर बढ़ोतरी हुई है, अमेरिका को होने वाले निर्यात को तेज झटका लगा है।
2009-10 में अमेरिका को होने वाले समुद्री उत्पाद के निर्यात में मात्रा के हिसाब से 9.48 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस दौरान अमेरिका को 1000.92 करोड़ रुपये का कुल 33382 टन समुद्री उत्पाद का निर्यात हुआ। वहीं वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान कुल 1021.55 करोड़ रुपये के 36,887 टन समुद्री उत्पाद का निर्यात हुआ था।
मैरीन प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीईडीए) की चेयरपर्सन लीना नायर के मुताबिक अमेरिका को होने वाले निर्यात में गिरावट की प्रमुख वजह एंटी डंपिंग शुल्क है, जो अमेरिका ने भारत से होने वाले आयात पर 2005 से लगा रखा है।
भारत से समुद्री उत्पादों का सबसे ज्यादा निर्यात यूरोपियन यूनियन को किया जाता है। इसकी हिस्सेदारी भारत से होने वाले कुल निर्यात में मात्रा के हिसाब से 24.66 प्रतिशत है, वहीं राजस्व में इसकी हिस्सेदारी 30.17 प्रतिशत है। यूरोपियन यूनियन को होने वाले निर्यात में इस दौरान 4.87 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
भारत के समुद्री उत्पाद निर्यात कारोबार के लिए सबसे अहम बात यह है कि 2009-10 में देश को तमाम नए बाजार मिले हैं। परंपरागत बाजारों, अमेरिका, जापान जैसे देशों में निर्यात में स्थिरता आई है, या कमी। वहीं दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया में नए और क्षमतावान बाजार मिले हैं।
दक्षिण पूर्व एशिया को होने वाले निर्यात में 61.96 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और वहां पर मात्रा के आधार पर देखें तो 34526 टन समुद्री खाद्य उत्पादों का निर्यात हुआ जिसका मूल्य 1445.26 करोड़ रुपये रहा।
वहीं पश्चिम एशिया के देशों ने 2009-10 में होने वाले निर्यात में 5.59 प्रतिशत की हिस्सेदारी निभाई और कुल निर्यात मात्रा के हिसाब से 34,526 टन और मूल्य के हिसाब से 554.49 करोड़ रुपये का निर्यात पिछले वित्त वर्ष में हुआ।
2009-10 में समुद्री खाद्य उत्पादों के निर्यात में पहली बाद ऐसा हुआ कि कुल कमाई 2 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई। मात्रा और मूल्य दोनों हिसाब से निर्यात सभी रिकॉर्ड पार कर गया।
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