डॉलर में आई मजबूती और सट्टेबाजी के चलते वायदा बाजार में आज काली मिर्च की कीमतों में और तेजी का रुख रहा।
नैशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) में काली मिर्च की कीमतों ने गुरुवार को 2.36 फीसदी के अपर सर्किट को छू लिया। दोपहर 1 बजे मई के वायदा कारोबार के लिए काली मिर्च की कीमतें में 0.89 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कीमतें 14,430 रुपये प्रति क्विंटल हो गईं।
वहीं जून की कीमतों में 0.96 फीसदी का इजाफा हुआ और कीमतें 14,765 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गईं जबकि जुलाई के कारोबार में 0.97 फीसदी का उछाल आया और कीमतें 15,053 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं।
वहीं सितंबर महीने के लिए वायदा कीमतों में 2.36 फीसदी की तेजी आई और कीमतें 15,524 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं। और अक्टूबर की कीमतें 15,792 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गईं।केरल के कोच्चि में काली मिर्च की हाजिर कीमतें 14,400.35 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास बनी हुई हैं। कोच्चि के एक कारोबारी का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से डॉलर में आई तेजी की वजह और सट्टेबाजों के चलते काली मिर्च की कीमतों में तेजी आई है।
कारोबारियों का कहना है कि इसी वजह से काली मिर्च के दाम बढ़े हैं नहीं तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि काली मिर्च की निर्यात मांग में तेजी आई है। दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में वियतनाम की काली मिर्च की कीमत भारतीय काली मिर्च की तुलना में काफी कम है। उनका यही कहना है कि भारतीय निर्यातकों को वियतनाम की काली मिर्च की कम कीमतों के चलते ही निर्यात के कम ऑर्डर मिल रहे हैं।
एक विश्लेषक का कहना है कि इस समय वियतनाम में कटाई पूरे जोर पर है। और कम कीमतों की वजह से यहां की काली मिर्च, काली मिर्च आयात करने वाले देशों को लुभा रही है। गौरतलब है कि वियतनाम काली मिर्च उत्पादन करने वाले प्रमुख देशों में से एक है। इस साल वियतनाम में काली मिर्च का बंपर उत्पादन भी हुआ है। पिछले साल के 80 लाख टन उत्पादन की तुलना में इस साल वहां 1 करोड़ टन काली मिर्च का उत्पादन हुआ है।