यूनानी संकट से और गिर सकता है घरेलू बाजार | मोटा नजरिया | | बीएस संवाददाता / मुंबई May 10, 2010 | | | | |
इस हफ्ते भी घरेलू शेयर बाजार पर यूनान संकट के बादल घिरे रह सकते हैं। यूरो मुद्रा क्षेत्र के संकट का कोई हल जब तक नहीं निकल जाता है तब तक बाजार में आशंका का दौर जारी रह सकता है।
बाजार पर निगाह रखने वालों का कहना है कि फिलहाल माहौल में अनिश्चितता है और वैश्विक बाजार से आने वाली खबरों के लिहाज से ही बाजार की दिशा तय होगी। पिछले हफ्ते पूरे कारोबारी सत्र के दौरान बाजार में तेज गिरावट देखी गई।
सीएनएक्स निफ्टी में पिछले सप्ताह की तुलना में 259.95 अंकों या 4.93 फीसदी की गिरावट हुई और शुक्रवार को यह 5,018 पर बंद हुआ। इसी तरह हफ्ते के दौरान बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के संवेदी सूचकांक में 789.60 अंकों की गिरावट आई और यह 17,000 के नीचे लुढ़क कर 16,769.11 पर पहुंच गया जो पहले 17,558.71 पर बंद हुआ।
पिछले हफ्ते गिरावट आई और इसमें ऊंचे स्तर से 6 फीसदी की गिरावट आई। इससे बाजार एक बेहतर स्थिति में आ गया। शिनसेई इन्वेस्टमेंट के मुख्य निवेश अधिकारी एन सेतुराम का कहना है, 'अगर दुनिया भर के बाजारों से नकारात्मक खबरें आएंगी तो आगे भी 6 फीसदी की गिरावट हो सकती है।'
ऐसे वक्त में बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू बाजार में कुछ सुधार संभव हो सकता है। भारती एएक्सए म्युचुअल फंड के इक्विटी प्रमुख प्रतीक अग्रवाल का कहना है, 'अगर यूरोपीय लीडर इस संकट के लिए कोई समाधान निकालते हैं तो हम 2-3 फीसदी के दायरे में उछाल देख सकते हैं।'
एक बड़ी फंड कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी का कहना है, 'भविष्य में 200-300 अंकों की गिरावट हो सकती है लेकिन संभावना नहीं है कि यह 16,000 तक के स्तर पर पहुंच जाए। वैसे निचले स्तर पर घरेलू निवेशकों को खरीदारी करते हुए देखा जा सकता है।'
अग्रवाल का कहना है कि निफ्टी में 5000 का स्तर बाजार में खरीदारी के लिए बेहद आकर्षक स्तर साबित हो सकता है। गौरतलब है कि यूरो मुद्रा क्षेत्र के 16 देशों ने अपने सदस्य यूनान को कर्ज संकट से उबारने के लिए आपात ऋण सहायता योजना शुरू कर दी है। शुक्रवार को स्थानीय बाजार पर यूनान संकट का असर छाया रहा।
यूरोप में ऋण संकट गहराने की आशंका से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 218.42 अंक टूटकर 16,769.11 अंक पर बंद हुआ। इसके अलावा अमेरिकी शेयर बाजारों में आई गिरावट का असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा। 7 मई को खत्म हुए हफ्ते के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशक नकदी और डेरिवेटिव सेगमेंट में शुद्ध बिकवाल बने रहे।
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