आयकर और महंगाई वृध्दि के नजरिये से निवेश के बेहतर विकल्प | कर की बात | | आशीष पई / May 10, 2010 | | | | |
निवेशकों का उत्साह तब देखते ही बनता है जब बैंक 8 और 10 फीसदी के ब्याज की पेशकश करते हैं।
दरअसल यह काफी अधिक और आकर्षक लगता है। खास तौर से जब शेयर बाजार में अस्थिरता होती है तो बैंक की सावधि जमाओं पर मिलने वाला 8 प्रतिशत का प्रतिफल सबसे बेहतर विकल्प जान पड़ता है। हालांकि, निवेश का निर्णय लेने से पहले वास्तविक प्रतिफल पर निगाह जरूर डालनी चाहिए।
निवेश चाहे जहां कीजिए लेकिन प्राप्त होने वाले प्रतिफल पर आयकर देना होता है। महंगाई में हो रही बढ़ोतरी और निवेश की अवधि का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। आइए यह जानने का प्रयास करते हैं कि निवेश पर इन कारकों का कितना प्रभाव होता है।
कर समायोजित प्रतिफल
निवेश से अर्जित प्रतिफल पर निवेशकों को कर चुकाना होता है। आपकी कर योग्य आय पर यह निर्भर करता है कि कर कितना देना होगा। करदेयता के लिए कर योग्य आमदनी को तय करना जरूरी होता है। इसको समझने के लिए बैंक जमा पर विभिन्न ब्याज दरों पर मिलने वाले प्रतिफल का हिसाब लगाते हैं।
जैसा कि जाहिर है, अगर आप बैंक की सावधि जमा में 9 फीसदी ब्याज दर पर भी निवेश करते हैं, और अगर आप 30 फीसदी कर दायरे में आते हैं, तो कर के बाद आपका प्रतिफल 6.22 फीसदी होगा। ऐसे में भले ही एफडी 9 फीसदी का प्रतिफल दे, कर का हिसाब लगाने के बाद यह आकर्षक नहीं होगी।
पोस्ट ऑफिस बचत खाता, कंपनी की फिक्स्ड डिपॉजिट, भारत सरकार के बॉन्ड और टैक्सेबल कॉर्पोरेट बॉन्ड में निवेश का हिसाब भी इसी तरीके से लगाया जा सकता है। कुल प्रतिफल के मामले में कई निवेश आकर्षक नजर नहीं आते हैं, पर कर बाद रिटर्न काफी अच्छा देते हैं।
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) ऐसा ही एक आकर्षक निवेश विकल्प है जिसमें कर-बाद अच्छी आमदनी हासिल होती है। मौजूदा समय में इसमें 8 फीसदी का कर-मुक्त प्रतिफल मिलता है।
30 फीसदी कर दायरे में आने वाले व्यक्ति के लिए कर बाद आमदनी 11.55 फीसदी होगी। इसके साथ ही 70,000 रुपये तक का सालाना निवेश आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर छूट के लिए भी योग्यता भी रखता है।
पीपीएफ खाता भारतीय स्टेट बैंक की किसी भी शाखा या इसके अनुषंगी बैंक या पोस्ट ऑफिस या राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाओं में खोला जा सकता है। एक साल में न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 70,000 रुपये तक की राशि जमा की जा सकती है।
एक खाता 15 सालों में परिपक्व होता है, पर खाता खोलने वाले को साल से छह वित्त वर्ष पूरा होने के बाद इसमें से पैसे निकालने की अनुमति होती है।
लिक्विड फंड
जो निवेशक कम अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए लिक्विड फंड एक आकर्षक विकल्प है। फिलहाल लिक्विड फंड 4-5 फीसदी कर-पूर्व प्रतिफल की पेशकश कर रहे हैं। अल्पावधि से लघु अवधि की सावधि जमाओं की तुलना में यह काफी आकर्षक है। इन फंडों के साथ अतिरिक्त फायदा यह है कि जब भी आपको पैसों की जरूरत हो, इनके यूनिट भुनाए जा सकते हैं।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लिक्विड फंड, एचडीएफसी लिक्विड फंड, एलआईसी लिक्विड फंड और रिलायंस लिक्विड फंड कुछ लोकप्रिय लिक्विड फंड हैं। फंड के आधार पर इनमें 5,000 से 25,000 रुपये तक का न्यूनतम निवेश किया जा सकता है।
अच्छे लाभांश देने वाले शेयर
भारत में शेयर बाजारों में 4-5 फीसदी से ज्यादा लाभांश देने वाले कई शेयर सूचीबद्ध हैं। निवेशकों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि निवेशकों को शेयरों पर मिलने वाला लाभांश कर मुक्त होता है। लिहाजा 4-5 फीसदी का लाभांश भी काफी आकर्षक है। इसके साथ ही, अगर इन शेयरों को लंबे समय तक रखा जाता है, तो इनमें पूंजी बढ़ोतरी का लाभ भी मिल सकता है।
टाटा इनवेस्टमेंट कॉर्पोरेशन, मर्क, जीएनएफसी, विजया बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और कैस्ट्रॉल अच्छे लाभांश वाले शेयर हैं। वास्तविक प्रतिफल अधिक हो, इसलिए निर्णय लेने से पहले कुछ वक्त गणना करने में लगाना जरूरी है।
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