एक निश्चित सीमा तक मिड-कैप फंडों में करें निवेश | फंड प्रश्नोत्तरी | | वैल्यू रिसर्च / May 02, 2010 | | | | |
मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं और अगले 15 सालों तक प्रणालीबध्द निवेश (एसआईपी) के जरिये हरेक महीने 3,000 रुपये निवेश करना चाहता हूं। मेरी अभी तक शादी नहीं हुई है।
मेरे पास बहुत पैसे नहीं हैं लेकिन साथ ही मेरे ऊपर कोई जवाबदेही भी नहीं है। मैं आईडीएफसी इक्विटी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल डिस्कवरी, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल डॉयनेमिक और एचडीएफसी इक्विटी फंड में से किसी एक में निवेश करना चाहता हूं। उचित सलाह दें। - सुनील
आपने जिन फंडों का उल्लेख किया है वे गुणवत्ता के लिहाज से सही हैं। लेकिन आईसीआईसी प्रूडेंशियल डिस्कवरी और आईडीएफसी इक्विटी मिड-कैप फंड हैं, जो विशुध्द डाइवर्सिफाइड इक्विटी वन के मुकाबले अधिक जोखिम भरे होते हैं। आपके पोर्टफोलियो में इन फंडों की प्रमुख हिस्सेदारी नहीं होनी चाहिए।
एचडीएफसी इक्विटी और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल डॉयनेमिक दोनों अच्छे मल्टी-कैप फंड हैं। अगर आपने इस समय किसी दूसरे म्युचुअल फंडों में निवेश नहीं किया है तो आप इनमें से किसी एक मल्टी-कैप या किसी अच्छे लार्ज-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा आप मिड-कैप फंडों में भी निवेश कर सकते हैं लेकिन अपनी हिस्सेदारी 15-20 फीसदी तक ही रखें।
आप निवेशकों को डाइवर्सिफाइड फंडों जैसे एचडीएफसी टॉप 200, डीएसपीबीआर इकिवटी और मैग्नम कॉन्ट्रा जैसे फंडों में निवेश की सलाह देते हैं। लेकिन आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल डिस्कवरी फंड, रिलायंस फार्मा और टाटा लाइफ साइंसेस ऐंड टेक्नोलॉजी फंड भी हैं जो प्रदर्शन के मामले में कहीं आगे हैं।
आप इन फंडों में निवेश की सलाह क्यों नहीं देते हैं? इन फंडों ने सिर्फ एक तिमाही में ही नहीं बल्कि विभिन्न अवधियों और दायरे में बेहतर प्रदर्शन किया है। फंड के चयन का फैसला निवेशकों को किस आधार पर करना चाहिए? - प्रवीण
जब हम कोर फंड की बात करते हैं तो हम कई बातों पर विचार करते हैं। हमारा मानना है कि लार्ज-कैप और डाइवर्सिफाइड इक्विटी फंड में बड़े पैमाने पर हिस्सेदारी होनी चाहिए। अन्य श्रेणियों के फंड जैसे मिड-कैप फंड, सेक्टर फंड या थीमैटिक फंड आपके कोर पोर्टफोलियो का हिस्सा नहीं हो सकते हैं।
लार्ज कैप और डाइवर्सिफाइड फंडों की तुलना में इनके साथ अनिश्चितता काफी हद जुड़ी होती है। जब हम प्रदर्शन पर ध्यान देते हैं तो अंतिम तिमाही या अंतिम वर्ष की बात नहीं करते बल्कि पिछले कई सालों में फंड के प्रदर्शन पर नजर डालते हैं।
इसके अलावा हम यह भी देखते हैं कि बाजार में आए उतार-चढाव के वक्त प्रदर्शन कैसा रहा है। ऐसे फंड जो सीमित अनिश्चितता के साथ लंबी अवधि में बेहतर प्रतिफल देते हैं, उनकी पोर्टफोलियो में मुख्य हिस्सेदारी उन्हीं की होनी चाहिए। इनमें 60-80 फीसदी से कम आवंटन नहीं होना चाहिए।
क्या मासिक आय योजनाओं से प्राप्त आय कर दायरे में आते हैं? - मारिया गोखले
आय कर के लिहाज से मासिक आय योजनाओं को डेट फंड के तौर पर लिया जाता है। निवेशकों को एआईपी से लाभांश के तौर पर आय की प्राप्ति होती है। इस आय पर लाभांश वितरण कर (डीडीटी) लगता है और निवेशकों को इस पर किसी तरह का कर नहीं देना पड़ता है। परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों को कर का भुगतान जरूर करना होता है।
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