सरकारी आईपीओ पर कमीशन | |
एजेंसी / नई दिल्ली 04 28, 2010 | | | | |
सरकार ने बुधवार को कहा कि सार्वजनिक कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) बेचने वाले ब्रोकर को कमीशन दिया जाएगा।
यह सरकार की महत्वाकांक्षी विनिवेश योजना की ओर खुदरा निवेशकों को आकर्षित करने की दिशा में उठाया गया कदम है। सरकार ने अभी तक ब्रोकरों को या तो काफी कम कमीशन दिया है या फिर नहीं दिया है।
लेकिन, अब खुदरा निवेशकों को शेयर बेचने पर 0.35 प्रतिशत और अमीर ग्राहकों को निवेश में शामिल करने के लिए 0.15 प्रतिशत कमीशन ब्रोकरों को देना तय किया है। विनिवेश सचिव सुमित बोस ने कहा, 'ब्रोकरों के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद हमने यह बदलाव किया है और खुदरा निवेशकों के मामले में 0.35 प्रतिशत और अमीर निवेशकों को शेयर बेचने पर 0.15 प्रतिशत कमीशन ब्रोकरों को देना तय किया गया है।'
उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन खुदरा निवेशकों की मांग सार्वजनिक निर्गमों में बढ़ाने के लिए किया गया है। इससे पहले जो कमीशन दिया जाता था वह बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (बीआरएलएम) के शुल्क में शामिल हुआ करता था। उन्होंने कहा, 'अब सरकार ब्रोकरों के लिए इस कमीशन का भुगतान बुक रनिंग लीड मैनेजर्स को करेगी।'
नया प्रावधान आने वाले सभी सरकारी आईपीओ पर लागू होगा। इसकी शुरुआत सतलुज जल विद्युत निगम के आईपीओ से होगी। बोस ने कहा, 'नए नियम सतलुज जल विद्युत निगम के आईपीओ से शुरू होकर आने वाले सभी आईपीओ पर लागू होगा।' सरकार की योजना चालू वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 40,000 करोड़ रुपये जुटाने की है।
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