एफएमसीजी की नजर प्रबंधन छात्रों पर | प्री-प्लेसमेंट ऑफर में 40 फीसदी बढ़ोतरी की है योजना | | शहाना जोशी / नई दिल्ली April 14, 2010 | | | | |
बिज़नेस स्कूलों के छात्रों के लिए अच्छी खबर है।
दरअसल एफएमसीजी कंपनियां भर्तियों से पहले की पेशकश (प्री प्लेसमेंट ऑफर) में 40 फीसदी बढ़ोतरी पर विचार कर रही हैं। अगर ऐसा रहा तो अगले साल फिर से बिज़नेस स्कूलों में 2007 जैसा भर्तियों का फलता-फूलता माहौल लौट सकता है।
भारतीय एफएमसीजी कंपनियां, खासकर गोदरेज जैसी तेजी से पोर्टफोलियो बढ़ाने वाली कंपनियां प्लेसमेंट पूर्व पेशकश (पीपीओ) को लेकर आशावान हैं। ये कंपनियां भर्तियों में 40-50 फीसदी की बढ़ोतरी को अपना लक्ष्य कर रही हैं।
गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के एचआर प्रमुख सुमित मित्रा ने बताया, 'निश्चित तौर पर हम पीपीओ का रास्ता अपनाने को तवाो देते हैं। इसके जरिए कर्मचारी को समझने की गुणवत्ता बेहतर होती है। कर्मी गर्मियों के दो महीने कंपनी को समझने में बिताते हैं और हम भी कह सकते हैं कि संबंधित कर्मी नौकरी पर खरा उतरता है कि नहीं। इसके अलावा कॉलेजों में भर्तियों का वक्त बेहद हड़बड़ी वाला होता है।'
कैडबरी जैसी कंपनी तो मुंबई के नैशनल इंस्टीटयूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (एनआईटीआईई) के एक प्रबंधन स्नातक को दो महीने की इंटर्नशिप के लिए 1 लाख रुपये की पेशकश कर चुकी है। फिलवक्त प्रबंधन छात्र अपनी मर्जी की कई कंपनियों में गर्मियों की इंटर्नशिप कर रहे हैं। इंटर्नशिप के बाद ये कंपनियां छात्रों को नौकरी की पेशकश करती हैं, इसे भर्ती-पूर्व पेशकश या पीपीओ कहा जाता है।
मित्रा ने बताया, 'इस साल हम सभी भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम), सिंबियॉसिस, एसपी जैन और अन्य संस्थानों के छात्रों को की जाने वाली प्लेसमेंट पूर्व ऑफर की संख्या में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा करने की सोच रहे हैं। प्रतिभाओं की खेप तैयार रखने के लिहाज से पीपीओ हमारे लिए काफी जरूरी है।'
एफएमसीजी कंपनियां कहती हैं कि वैश्विक वित्तीय परामर्श कंपनियों जैसे अन्य विकल्पों के आ जाने से हालांकि उनके क्षेत्र को प्लेसमेंट के लिए चुनने वाले छात्रों की संख्या में कमी आई है, लेकिन उपभोक्ता बाजार में काम कर रहे छात्रों की संख्या अभी भी काफी मजबूत है। उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल ये पीपीओ इस लिहाज से भी महत्वपूर्ण कि ये तुलनात्मक रुप से मंदी मुक्त अर्थव्यवस्था में होंगे।
साथ ही, एफएमसीजी क्षेत्र में नियुक्त 15 फीसदी से भी ज्यादा छात्र शीर्ष 20 बिज़नेस स्कूलों से होने के चलते मंदी में भर्तियों के उतार के वक्त कठिन स्थिति बन गई। इस क्षेत्र के एक वरिष्ठ विश्लेषक ने बताया, 'उपभोक्ता क्षेत्र पिछले कुछ वक्त से बिजनेस स्कूलों के लिए प्रमुख भर्ती करने वाला रहा है और इससे ज्यादा अवसरों की गुंजाइश भी बनती है।'
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