थ्रीजी स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई शुरू, बाजी जीतने की तैयारी में जुटी टेलीकॉम कंपनियां | टेलीकॉम शेयर | | नेहा पांडेय / मुंबई April 09, 2010 | | | | |
हाल में टेलीकम्युनिकेशंस के क्षेत्र में कई तरह की गतिविधियां देखी जा रही हैं।
थ्रीजी स्पेक्ट्रम की नीलामी शुरू हो चुकी है ऐसे में कई कंपनियां नकदी जुटा रही हैं और बुनियादी ढांचा तैयार कर रही हैं। इस बोली में 9 खिलाड़ी, भारती एयरटेल, वोडाफोन एस्सार, एयरसेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, टाटा टेलीसर्विसेज, आईडिया सेल्युलर, एस टेल, एतिसालात और वीडियोकॉन शामिल हैं।
क्वॉलकॉम और तिकोना ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) सर्विसेज की नीलामी में भाग ले सकती हैं। सभी शेयरों में बड़े सौदे हुए हैं इससे भाव में बढ़ोतरी हो रही है। कुछ महीने पहले जीटीएल ने एयरसेल के टॉवर कारोबार को खरीदने के लिए 8,400 करोड़ रुपये का सौदा किया।
हाल में क्विप्पो टेलीकॉम ने टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के टॉवर कारोबार को 1,318 करोड़ रुपये में खरीदा, इस तरह हर टॉवर की वैल्यू 52 लाख रुपये पर पहुंच गई जो प्रति टॉवर के लिए भुगतान की जाने वाली सबसे बड़ी राशि है। उसके बाद भारती जईन के सौदे की लागत 10.7 अरब डॉलर है।
हालांकि शेयर की कीमतें भी अब इस उत्साह को दर्शाएंगी। बोली शुरू होने की वजह से बड़े टेलीकॉम शेयरों में कोई बढ़ोतरी नहीं देखी गई। भारती एयरटेल और आईडिया सेल्यूलर आज के कारोबार में 1 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए। रिलायंस कम्युनिकेशंस में लगभग 2 फीसदी की उछाल आई।
वास्तव में पिछले एक महीने में ही ज्यादातर टेलीकॉम शेयरों ने सकारात्मक रिटर्न देना शुरू किया है। मिसाल के तौर पर भारती एयरटेल, आईडिया सेल्युलर और रिलायंस कम्युनिकेशंस ने पिछले एक महीने में 5.73 फीसदी, 8.91 फीसदी और 10 फीसदी रिटर्न दिया है।
ज्यादातर विश्लेषकों का मानना है कि इन शेयरों को अब भी वर्ष 2007 के अच्छे दिनों को देखना बाकी है। पिछले महीने एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, 'हम सेक्टर के लिए सतर्कता से कोई विचार रखते हैं क्योंकि वॉयरलेस क्षेत्र की प्रकृति बेहद अलग है और निकट भविष्य में इस सेक्टर में समेकन की कोई गुंजाइश नहीं दिखती है।'
रिसर्च एजेंसी ने भारती, रिलायंस कम्युनिकेशंस, एमटीएनएल, टीटीएमएल की रेटिंग घटा दी है और आईडिया को न्यूट्रल रेटिंग दी है और कहा है, 'अनुमान से कहीं ज्यादा आंकड़े और थ्री जी हैंडसेट की तेजी से बढ़ोतरी से थ्री जी स्पेक्ट्रम के लिए हमारे मूल्यांकन में ऊपरी स्तर पर जोखिम होगा।'
दूसरी बड़ी जोखिम टैरिफ की संरचना में कमी करने की है जिससे मार्जिन और मुनाफे पर दबाव बनेगा। कीमतों का दबाव मार्जिन पर दिखेगा और ऐसे में इन कंपनियों की लागत में बढ़ोतरी होगी। ऐंजल ब्रोकिंग के राहुल जैन का कहना है, 'इस साल टेलीकॉम कंपनियों का मुनाफा कम होगा।'
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