बर्ड फ्लू से प्रभावित जलपाईगुड़ी जिले में मुर्गे-मुर्गियों को मारने का काम प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इनको पालने वाले लोग इनको मारने में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
इस वजह से हालात चिंताजनक बनते जा रहे हैं। जिला अधिकारी राजेश पांडेय ने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों को मारने की मियाद को एक दिन यानी मंगलवार तक के लिए बढ़ा दिया है। इसकी वजह उन्होंने इस काम में आ रही देरी को बताया।
गौरतलब है कि 18,000 मुर्गे-मुर्गियों को मारने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें से अभी तक केवल 9,500 मुर्गे-मुर्गियां को मारा गया है। दूसरी ओर पशु संसाधन विकास विभाग के एक अधिकारी कहते हैं कुछ जगहों पर पोल्ट्री मालिक सहयोग नहीं कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मुर्गे-मुर्गियों को मारने के लक्ष्य को बढ़ाकर 20,000 कर दिया गया है जिसको मंगलवार तक पूरा कर लिया जाएगा।
विभाग ने पॉल्ट्री मालिकों को प्रोत्साहित करने के लिए मुआवजे को भी बढ़ा दिया है। रविवार को दार्जिलिंग के बीजनबाड़ी इलाके में एवियन फ्लू के चलते तकरीबन 100 पक्षियों की मौत हो गई थी। भोपाल की एनिमल डिजीज लैबोरेटरी ने भी सिलीगुड़ी के बागडोगरा, मातीगाड़ा, नक्सलबाड़ी और कुर्सियांग सब डिविजन के सुकना में एवियन फ्लू की पुष्टि की है।
प्रशासन ने प्रभावित इलाके में मुर्गे के मीट और अन्य पोल्ट्री उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगा दी है। वैसे प्रशासन पर यह आरोप भी लगा कि कारोबारियों के दवाब में प्रशासन ने पॉल्ट्री कारोबार पर रोक लगाने में देर कर की। यह इलाका पोल्ट्री हब के रूप में जाना जाता है। लेकिन प्रशासन और स्थानीय लोगों के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है कि शहर के 15 किलोमीटर के बाहर पोल्ट्री उत्पाद बेचे जा रहे हैं।