जीडीआर के जरिए धन जुटाएगी टाटा स्टील | अभिनीत कुमार / मुंबई March 29, 2010 | | | | |
भारत की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी टाटा स्टील एक बार फिर ग्लोबल डिपोजिटरी रिसीट (जीडीआर) के जरिए 50 करोड़ डॉलर (2300 करोड़ रुपये) जुटाने की योजना बना रही है।
इससे जुड़े एक बैंकर ने कहा कि अगले दो महीने के भीतर यह धन जुटाने की योजना है, जिससे कंपनी की बैलेंस शीट में पूंजी का प्रवाह किया जा सके। कंपनी ने करीब 8 महीनों में 50 करोड़ डॉलर जुटाए हैं, जिसका निवेश जमशेदपुर की ब्राउनफील्ड विस्तार योजना में किया गया।
कंपनी जमशेदपुर में अपनी क्षमता का विस्तार दिसंबर 2011 तक 97 लाख टन सालाना करना चाहती है, जबकि उसकी वर्तमान क्षमता 68 लाख टन सालाना है। टाटा स्टील पर 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही तक 12.9 खरब डॉलर का सकल कर्ज है।
कंपनी के कर्ज की वजह 2007 में एंग्लो डच स्टील निर्माता कंपनी कोरस के 2007 में 12.1 खरब डॉलर में अधिग्रहण है। यह किसी भारतीय कंपनी द्वारा विदेश में किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण है। कंपनी अब अगले 2 साल में सकल कर्ज घटाकर 2 खरब डॉलर करने की योजना बना रही है।
इस मामले से जुड़े बैंकर ने कहा, 'अगले चरण की धन जुटाने की योजना अभी बातचीत के स्तर पर है। कंपनी लगातार कोशिश के तरिए 5000 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश कर रही है, जिसमें से करीब आधे का प्रबंध अगले 6 महीने में होगा।'
पिछले साल अगस्त महीने में कंपनी ने इक्विटी निर्गमों के जरिए 5000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। बहरहाल इसके लिए कोई समयसीमा नहीं तय की गई थी, न ही इसे जारी करने के लिए कोई पसंदीदा तरीका तय किया गया था। जीडीआर को प्राथमिकता इसलिए दी गई है, क्योंकि कंपनी की डिपाजिटरी रिसीप्ट पहले ही लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द है।
कंपनी ने ई-मेल पर भेजे जवाब में कहा है, 'कंपनी की धन जुटाने की योजना के बारे में अभी कोई विशेष योजना नहीं है, जिसका खुलासा किया जाए।' सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, गोल्डमैन सैक्स इंटरनैशनल, जेपी मॉर्गन सिक्योरिटीज और यूबीएस ने ज्वाइंट लीड मैनेजर्स और ज्वाइंट बुक रनर्स के रूप में जुलाई में काम किया था, जो कंपनियों की ग्लोबल डिपोजिटरी रिसीट के लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्दता देखती हैं।
31 दिसंबर को समाप्त तिमाही पर पिछले 9 महीनों के दौरान कंसालिडेटेज बेसिस रिपोर्ट में शुध्द बिक्री 74,532 करोड़ रुपये रही जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 38 प्रतिशत कम रही। इसी अवधि के दौरान शुध्द घाटा 4432 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में हुए 9426 करोड़ रुपये के मुनाफे से कम है।
आर्थिक मंदी की वजह से कंपनी के मुनाफे पर बुरा असर पड़ा और ब्रिटेन स्थित कोरस कंपनी के चलते मुनाफे पर असर पड़ा। शुक्रवार को बांबे स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी का शेटर 1.2 प्रतिशत चढ़कर 643.5 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ।
अगले 2 महीने में 2300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
कंपनी ने पिछले 8 महीनों में करीब 50 करोड़ डॉलर जुटाए हैं
टाटा स्टील पर 31 दिसंबर को समाप्त तिमाही तक 12.9 अरब डॉलर का कर्ज
2007 में कोरस के अधिग्रहण के बाद कर्ज में बढ़ोतरी हुई
पिछले साल अगस्त में कंपनी ने 5000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी
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