लंबा नजरिया : कम थीमैटिक और ज्यादा इक्विटी | |
पोर्टफोलियो विश्लेषण | बीएस / 03 28, 2010 | | | | |
मैं 34 वर्षीय विवाहित व्यक्ति हूं और मेरा 18 महीने का एक बेटा है। मेरे पास करीब 6 लाख रुपये के 4 पारंपरिक जीवन बीमा योजनाएं हैं।
मैं 1 करोड़ रुपये का एक और टर्म प्लान लेना चाहता हूं जिसके लिए 12,500 रुपये तक प्रीमियम देना पड़े। मैं अपनी बचत का कुछ हिस्सा प्रणालीबद्ध निवेश योजनाओं के जरिए म्युचुअल फंडों में भी निवेश करना चाहता हूं।
मेरे पोर्टफोलियो में फिलहाल एचडीएफसी टॉप 200, डीएसपीबीआर टॉप 100, आईडीएफसी प्रीमियम इक्विटी, फोर्टिस फ्लेक्सी डेट, जेएम मनी मैनेजर सुपर ऐंड केनरा रोबेको इक्विटी टैक्ससेवर योजनाएं शामिल हैं। मेरी कंपनी की तरफ से मुझे, मेरी पत्नी और मेरे माता-पिता के लिए 2 लाख रुपये का एक मेडिकल इंश्योरेंस भी मिला हुआ है।
हाल ही मैंने 38 लाख रुपये का होम लोन लिया है। मैंने टर्म प्लान लेने की योजना बनाई है। ऐसे में क्या मुझे अपनी मौजूदा योजनाओं को छोड़ देना चाहिए। मुझे अपने घर से हर महीने 10,000 रुपये की आमदनी भी हासिल होगी।
क्या मैं इसका इस्तेमाल होम लोन के पूर्वभुगतान के लिए कर सकता हूं या इसे कहीं और निवेश किया जाना चाहिए। अगर मेरी आमदनी में सालाना 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो, तो क्या मैं अपनी इस निवेश योजना की मदद से अपने अहम लक्ष्यों को समय पर पूरा कर पाऊंगा?
आपके पोर्टफोलियो में ऋण साधनों की हिस्सेदारी काफी ज्यादा है। करीब 53 फीसदी निवेश नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट और कर्मचारी भविष्य निधि जैसे योजनाओं में है। इन योजनाओं में काफी लंबी लॉक-इन अवधि होती है। किसी भी आपातकालीन जरूरत के समय आपको मुश्किल हो सकती है। आपकी उम्र अभी ज्यादा नहीं है।
ऐसे में शेयरों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लंबी समयावधि में शेयरों से अच्छा प्रतिफल मिल सकता है। आदर्श रूप से 80 फीसदी निवेश शेयर आधारित म्युचुअल फंडों में और बाकी राशि ऋण साधनों में लगाई जानी चाहिए। एनएससी में से पूंजी कम कर इसे शेयरों में लगाया जा सकता है। इससे आपका पोर्टफोलियो संतुलित होगा।
शेयरों में आपने जो निवेश किया है, उसमें से 87 फीसदी सीधे शेयरों में और बाकी म्युचुअल फंडों में है। अगर आपको शेयर बाजार की अच्छी समझ है तभी शेयरों में निवेश करें। टाटा इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड में निवेश जोखिम भरा कदम है। यह एक थीमेटिक फंड है और जिसे पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा नहीं होना चाहिए।
लंबी अवधि के निवेश में इक्विटी डायवर्सीफाइड फंडों में ज्यादा से ज्यादा और थीमेटिक फंडों में कम से कम निवेश किया जाना चाहिए। ज्यादा विशाखण के लिए सोने में निवेश भी अच्छा विकल्प है, पर इसे आपको 5 फीसदी तक सीमित रखना चाहिए।
लक्ष्य
अगर महंगाई की दर 6.5 फीसदी रहे, तो 30,000 रुपये आपके रिटायरमेंट तक बढ़कर 1.36 लाख रुपये हो जाएंगे। 2.94 करोड़ रुपये की राशि से आप जरूरी मासिक आमदनी हासिल कर सकते हैं। अगर 10 फीसदी सालाना का प्रतिफल मिले, तो अपने सभी लक्ष्यों को आराम से पूरा करने के लिए आपको हर महीने करीब 6,300 रुपये निवेश करने की जरूरत है।
भावी निवेश
आपने जिन म्युचुअल फंडों का चुनाव किया है, वे काफी आकर्षक हैं। पर, सिर्फ 4-5 फंडों में निवेश करें। हालांकि सबसे पहले आपको ऋण-शेयर अनुपात तय करना चाहिए। अपने लक्ष्यों के लिए आपके पास लंबा समय है, लिहाजा साल में एक बार अपने पोर्टफोलियो की समीक्षा जरूर करें।
जीवन बीमा
6 लाख रुपये की मौजूदा जीवन बीमा सुरक्षा आपके परिवार के हिसाब से कम है। आप 1 करोड़ रुपये का टर्म प्लान ले सकते हैं। यह आपकी भविष्य योजनाओं को देखते हुए सही होगा। यह आपके होम लोन को भी बीमा सुरक्षा देगा। जीवन बीमा की मौजूदा योजनाओं को ऋण साधनों में निवेश के तौर पर बनाए रखा जा सकता है।
इन योजनाओं से होने वाली आमदनी आपकी अतिरिक्त आमदनी होगी। अगर ज्यादा शुल्क न देना पड़े, तो इन निवेश को छोड़ा जा सकता है। आपके पास फिलहाल जो स्वास्थ्य बीमा है, वह आपकी कंपनी की तरफ से है। नौकरी में कोई बदलाव आपका बीमा आपसे छीन सकता है। ऐसे में आपको खुद एक स्वास्थ्य बीमा जरूर लेना चाहिए।
होम लोन का भुगतान
ऋण का पूर्वभुगतान निश्चित तौर पर वित्तीय और मानसिक रूप से आपके भार को कम करेगा। अगर बैंक ज्यादा बड़ा शुल्क नहीं लगाता, तो घर से होने वाली आमदनी का इस्तेमाल ऋण के पूर्वभुगतान में किया जा सकता है।
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