जीएमआर जुटाएगी 1600 करोड़ रु. | पीबी जयकुमार / मुंबई March 26, 2010 | | | | |
विस्तार योजनाओं को कार्यरूप देने के लिए बेंगलुरु की जीएमआर एनर्जी 1600 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने की तैयारी में है।
कंपनी 4500 मेगावॉट क्षमता की ताप और जल बिजली परियोजनाओं पर काम कर रही है। परियोजनाओं के लिए धन सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स के नेतृत्व में निजी इक्विटी कारोबारियों और बैंकों के सहयोग से जुटाई जा रही है।
जीएमआर एनर्जी इस समय 780 मेगावॉट से ज्यादा बिजली का उत्पादन करती है, जो जीएम राव के नेतृत्व वाली जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहयोगी कंपनी है। जीएमआर इन्फ्रा हाइवे परियोजनाओं, एयरपोर्ट, कृषि कारोबार और शहरी बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करती है।
सूत्रों ने कहा कि जीएमआर एनर्जी निजी इक्विटी कारोबारियों और आईसीआईसीआई बैंक को तरजीही शेयर जारी करेगी, जिन्होंने करीब 300 करोड़ रुपये देने का वादा किया है। तरजीही शेयर, विशेष इक्विटी सिक्योरिटी होते हैं तो इक्विटी और डेट के रूप में इस्तेमाल होते हैं लेकिन इससे शेयर धारक को मतदान का अधिकार नहीं मिलता।
जीएमआर एनर्जी जब आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) जारी करने का फैसला करेगी तो ये आवंटित शेयर इक्विटी में बदल जाएंगे। कंपनी ने इसके पहले बाजार से धन हासिल करने के लिए आईपीओ लॉन्च करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाजार में भारी गिरावट के चलते उसने अपना फैसला बदल दिया।
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर ने इस माह की शुरुआत में आईसीआईसीआई बैंक को नॉन कनवर्टिबल डिबेंचर्स (एनसीडी) जारी कर 500 करोड़ रुपये का प्रबंध किया था। इसके जरिए बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन जुटाया गया था।
सूत्रों ने कहा की जीएमआर इस सौदे के बारे में एक-दो दिन के भीतर घोषणा करेगी। कंपनी से जुड़े एक आला अधिकारी ने इस सौदे की गोपनीयता का हवाला देते हुए इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार किया। जीएमआर को इक्विटी के जरिए 9 परियोजनाओं के लिए करीब 7500 करोड़ रुपये जुटाने हैं। इन 9 परियोजनाओं में आने वाले 3-5 साल के दौरान 30,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश करना है।
एक अधिकारी ने कहा, 'हमने पहले ही 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर दिया है और अभी 1,000 करोड़ रुपये की नकदी है। अब हम जो धन जुटाने जा रहे हैं इससे कुछ परियोजनाओं की जरूरतों को वित्तीय खाते को बंद किए जाने तक के लिए पूरा किया जाएगा।'
कंपनी के स्पेशल पर्पज व्हीकल जीएमआर कमलंगा एनर्जी की स्थापना उड़ीसा के ढेकनाल जिले के कमलंगा गांव में हो रही है। कोयले पर आधारित इस परियोजना की क्षमता 1050 मेगावॉट है और जिसमें 4,540 करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी। इसके लिए विभिन्न 13 बैंकों से 3,405 करोड़ रुपये कर्ज के जरिए और 1135 करोड़ रुपये इक्विटी के जरिए धन जुटाने की योनजा है।
इसके लिए जीएमआर एनर्जी और आईडीएफसी के बीच 80:20 के अनुपात में समझौता हुआ है। यह परियोजना पूरा होने के करीब है और उम्मीद की जा रही है कि 2012 तक यह पूरी हो जाएगी। इसके अलावा कंपनी अन्य कई बिजली परियोजनाओं पर काम कर रही है।
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