दिग्गजों ने दिखाई 3 जी में रुचि | एयरटेल, वोडाफोन एस्सार, टाटा टेली, आरकॉम, एतिसालात ने किया आवेदन | | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली March 19, 2010 | | | | |
तीसरी पीढ़ी की मोबाइल सेवा 3जी के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी में बोली लगाने के लिए भारती एयरटेल, वोडाफोन एस्सार, टाटा टेलीसर्विसेज और रिलायंस कम्युनिकेशंस ने गुरुवार को आवेदन दाखिल कर दिए।
पहले से ही माना जा रहा था कि ये कंपनियां नीलामी में शामिल हो सकती हैं। नई कंपनियों में एतिसालात डीबी (पूर्व में स्वान टेलीकॉम) ने भी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदन किया है। यूएई की दूरसंचार कंपनी एतिसालात ने स्वान टेलीकॉम में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी है।
नार्वे की कंपनी टेलीनॉर, जिसने यूनिटेक वायरलेस में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदी है, उसने भी पहले कुछ शहरों के लिए 3जी बोली में शामिल होने की बात कही थी। उच्च क्षमता की वायरलेस ब्रॉडबैंड तकनीक ब्रॉडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) के लिए वोडाफोन एस्सार, तिकोना डिजिटल (आरकॉम के पूर्व कर्मचारियों की कंपनी) और टाटा कम्युनिकेशंस ने आवेदन किया है।
अन्य आश्चर्य में क्वॉलकॉम की घोषणा रही, जिसमें इसने बीडब्ल्यूए के लिए बोली लगाने में रुचि जताई। हालांकि कुछ महीने पहले कंपनी को तकनीक संबंधी कुछ आपत्तियां थी। संपर्क करने पर मंत्रालय के एक अधिकारी ने इन कंपनियों से आवेदन मिलने की पुष्टि की।
3जी और बीडब्ल्यूए स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख 19 मार्च है। 3जी नीलामी 9 अप्रैल से शुरू होनी प्रस्तावित है। इस नीलामी के खत्म होने के दो दिन बाद बीडब्ल्यूए नीलामी शुरू होगी। टाटा कम्युनिकेशंस ने एक वक्तव्य में कहा कि कंपनी को देश में ब्रॉडबैंड की भीतरी पहुंच को तेजी से बढ़ाने में वायरलैस ही सबसे बेहतर विकल्प नजर आता है।
नीलामी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कंपनी अपने ब्रॉडबैंड कारोबार को धन मुहैया कराने पर अंतिम निर्णय लेगी। दूरसंचार विभाग (डॉट) ज्यादातर सर्किलों में 3जी स्पेक्ट्रम के 3 स्लॉट की नीलामी की योजना बना रहा है। पैन-इंडिया स्पेक्ट्रम के लिए आरक्षित कीमत 3,500 करोड़ रुपये रखी गई है। बीडब्ल्यूए में सिर्फ दो स्लॉट हैं और इसके पैन-इंडिया लाइसेंस के लिए न्यूनतम आधार मूल्य 1,750 करोड़ रुपये रखा गया है।
3जी स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए आवेदनों के मुताबिक 22 सर्किलों में से सिर्फ पांच राज्यों में ही चार निजी कंपनियां होंगी। ये राज्य पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर हैं। सफल बोलीकर्ताओं को 1 सितंबर 2010 से व्यावसायिक आधार पर 3जी सेवाएं पेश करने की मंजूरी मिलेगी।
स्पेक्ट्रम को खाली करने और नीलामी किए जाने वाले स्लॉटों की संख्या जैसे मुद्दों पर रक्षा मंत्रालय और दूरसंचार मंत्रालय के बीच उपजे मतभेदों से यह 3जी नीलामी कई बार आगे खिसकाई जा चुकी है। अभ्यास के लिहाज से 5 और 6 अप्रैल को मॉक नीलामी की जाएगी और इसके बाद 9 अप्रैल को अंतिम रूप से नीलामी होगी। सरकार को 3जी और बीडब्ल्यूए के स्पेक्ट्रम की बिक्री से करीब 35,000 करोड़ रुपये की कमाई होने की उम्मीद है।
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