उधारी कैलेंडर पर निर्णय 29 मार्च को | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली/मुंबई March 17, 2010 | | | | |
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और वित्त मंत्रालय के अधिकारी अगले वित्त वर्ष के उधारी कैलेंडर वर्ष को 29 मार्च को अंतिम रूप देने जा रहे हैं।
अनुमान किया जा रहा है फंड जुटाने की प्रक्रिया फ्रंट-लोडेड होगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'हमने अभी तक यह निर्णय नहीं किया है कि सरकार की उधारी योजना पिछले साल जैसी ही होगी कि नहीं। वर्तमान में सरकारी उधारी के सभी विकल्प- फ्रंट-लोडेड, बैक लोडेड और साल भर में बराबरी से बंटे रहने, खुले हैं। बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।'
अधिकारी ने कहा कि सरकारी फंड की जरूरत उधारी कैलेंडर का एक तत्व होगा जिस पर नई दिल्ली में होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'राज्यों और निजी क्षेत्र के खर्च के तरीकों, ऋण के पुनर्भुगतान, बॉन्ड की अनुमानित कमाई, बाजार में उपलब्ध नकदी और महंगाई पर भी विचार किया जाएगा।'
केंद्र सरकार की सकल उधारी का बजट 4,57,000 करोड रुपये का है जो इस साल के रिकॉर्ड स्तर की तुलना में 6,000 करोड रुपये अधिक है। सकल आधार पर साल 2010-11 में सरकार 3,45,010 करोड़ रुपये की उधारी लेगी जबकि इस साल 3,98,411 करोड रुपये उधार लिए गए थे।
इस साल सरकार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अपनी दो तिहाई उधारी को पूरी कर चुकी है। बाजार का अनुमान है कि अगले साल भी सरकार ऐसी ही नीति अपनाएगी क्योंकि ऋण की मांग फिलहाल कम है और इसमें आने वाले महीनों में ही तेजी आएगी।
अधिक उधारी और महंगाई पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत मौद्रिक नीति में सख्ती के अनुमानों से 10 साल के बेंचमार्क सरकारी पेपर की कमाई पिछले सप्ताह 17 महीने के उच्च स्तर 8.02 प्रतिशत पर पहुंच गई थी।
कारोबारियों का अनुमान है कि आने वाले सप्ताहों में 10 साल के सरकारी पेपर की कमाई 8.5 प्रतिशत के स्तर तक पहुंच सकती है। अगले महीने महंगाई के दहाई अंकों में पहुंचने का अनुमान है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि 20 अप्रैल को घोषित की जाने वाली सालाना नीति में आरबीआई पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी करेगा।
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