'बिहार करेगा ज्यादा बिजली उत्पादन' | बीएस संवाददाता / पटना March 16, 2010 | | | | |
आज भले ही बिहार बिजली के जबरदस्त संकट से जूझ रहा हो, लेकिन राज्य सरकार का मानना है कि अगले 4-5 सालों में राज्य के पास जरूरत से ज्यादा बिजली होगी।
इसमें से सबसे ज्यादा बिजली मिलने की उम्मीद सरकार को नबीनगर में एनटीपीसी और बिहार राज्य बिजली बोर्ड के संयुक्त उद्यम के तहत बन रहे थर्मल पावर स्टेशन से है। हालांकि, बिहार में बिजली की मांग भी तेजी से बढ़ रही है।
विधानसभा में सोमवार को ऊर्जा विभाग के बजट पर चर्चा के बाद मंत्री रामाश्रय प्रसाद सिंह ने कहा, 'हमने एनटीपीसी के साथ मिलकर नबीनगर में एक संयुक्त उपक्रम गठित किया है, जिसका नाम नबीनगर पावर जेनरेटिंग कंपनी रखा है। इसके लिए जमीन की निशानदेही हो चुकी है और अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। इस परियोजना से अगले 4-5 सालों में राज्य को 1485 मेगावॉट बिजली मिलने लगेगी।'
इसके अलावा, सरकार निजी क्षेत्र के साथ मिलकर भी बिजली उत्पादन की संभावनाएं तलाश रही है। इसके लिए सरकार ने बक्सर (चौसा), भागलपुर (पीरपैंती) और लखीसराय (कजरा) जिलों में जमीन को चिन्हित कर चुकी है। साथ ही, सरकार को जल विद्युत से भी काफी उम्मीदें हैं। इसीलिए तो वह इस क्षेत्र में बड़े परियोजनाओं को स्थापित करने का काम कर रही है।
सिंह ने बताया, 'हम बड़ी परियोजनाओं को भी स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसके तहत डागमारा (126 मेगावॉट), इंद्रपुरी (450 मेगावॉट), सिनाफदर (345 मेगावॉट) और हथियादह-दुर्गावती (1600 मेगावॉट) हैं।' राज्य सरकार ने उत्पादन क्षमता में इजाफे के साथ-साथ ट्रांसमिशन और वितरण क्षमता को मजबूत और उसके विस्तार करने की भी बात कही है।
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