डेरिवेटिव घोटाले में सीबीआई जांच पर रोक | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली March 15, 2010 | | | | |
करीब 25 लाख करोड़ रुपये के डेरिवेटिव घोटाले में उड़ीसा हाइकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
न्यायमूर्ति के जी बालकृष्णन की अध्यक्षता वाले खंडपीठ ने फिक्स्ड इनकम मनी मार्केट ऐंड डेरिवेटिव एसोसिएशन (एफआईएमएमडीए), इंडियन बैंक एसोसिएशन और दूसरे कई लोगों की अपील पर इसमें शामिल सभी पार्टी को नोटिस जारी किया।
उन्होंने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें वर्ष 2007-08 में डेरिवेटिव अनुबंधों की बिक्री में हुए घोटाले की जांच का आदेश दिया था। यह नोटिस सीबीआई, आरबीआई और भारत सरकार को भेजा जाएगा।
पिछले साल दिसंबर में हाइकोर्ट ने भारतीय बैंकों द्वारा खरीदारों को बेचे जाने वाले अनुबंधों की जांच का आदेश दिया था जिसका इस्तेमाल खरीदार मुद्रा के उतार-चढाव के मद्देनजर हेजिंग के तौर पर किया था। जब इस अवधि के दौरान रुपये में तेजी आई तब डेरिवेटिव धारकों के इस गलत कदम का अंदाजा हुआ।
एफआईएमएमडीए कई शेडयूल्ड और नैशनलाइज्ड बैंकों का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें भारतीय स्टेट बैंक, सार्वजनिक वित्तीय संस्थान मसलन एलआईसी, एक्जिम बैंक, नाबार्ड और आईडीएफसी शामिल हैं।
यह प्राथमिक डीलरों और बीमा कंपनियों का प्रतिनिधित्व भी करता है जो डेरिवेटिव सुविधाएं मुहैया कराती हैं मसलन संस्थाओं के लिए हेजिंग और जोखिम प्रबंधन उपकरण मुहैया कराना जिसमें निर्यातक और आयातक शामिल हैं।
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