'3जी से होगी अनुमान से अधिक कमाई' | सवाल-जवाब : अशोक चावला, वित्त सचिव | | ए के भट्टाचार्य और ज्योति मुकुल / March 11, 2010 | | | | |
वर्ष 2010-11 के बजट को लेकर कई हलकों में भले ही खुशी देखी जा रही हो, लेकिन कुछ वर्गों में इसे लेकर आशंका भी बनी हुई है।
उदाहरण के लिए, अगर गैर-राजस्व अनुमान ज्यादा वास्तविक नहीं रहते हैं तो ऐसी घोषणाएं सिर्फ हवा में उड़ कर रह जाएंगी। हालांकि वित्त सचिव अशोक चावला ऐसा नहीं मानते हैं। उन्हें उम्मीद है कि वे अपने लक्ष्यों को पूरा करेंगे। ऐसे ही कई मुद्दों पर ए के भट्टाचार्य और ज्योति मुकुल ने उनसे बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
बजट घाटा कम करने की योजना बड़े पैमाने पर थ्रीजी लाइसेंस की नीलामी और विनिवेश पर टिकी है जिससे लगभग 75,000 करोड़ रुपये हासिल होंगे। जीडीपी के लिहाज से यह रकम 1.1 प्रतिशत होगी। दूरसंचार उद्योग में यह माना जा रहा है कि 3जी लाइसेंस से राजस्व उतना नहीं हो सकता जितना कि अनुमान लगाया गया है। फिर आपने किस आधार पर यह अनुमान लगाया है।
यह हमारा मानना है, और यह न सिर्फ दूरसंचार मंत्रालय का बल्कि इस उद्योग के कई क्षेत्रों की भी समझ है कि इस नीलामी से मिलने वाली 35,000 रुपये की रकम वास्तव में बेहद कम है।
दूरसंचार उद्योग का भी यही मानना है। यह एक खुली नीलामी है। हम एक-डेढ़ महीने में इसका परिणाम हासिल कर लेंगे। माना जा रहा है कि इस रकम की वास्तविक मात्रा हमें 17 सर्किलों से मिलेगी, जहां चार ब्लॉकों की नीलामी की जाएगी और यह हमारे अनुमान से शायद अधिक हो सकती है।
कितनी अधिक ?
मुझे प्राप्त हुआ अनुमान 45,000 करोड़ रुपये था। लेकिन आप जानते हैं कि ये अनुमान बेहद अनिश्चित हैं और हम नीलामी तक इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हो सकते। इसी तरह विनिवेश मोर्चे पर, मैं यह कहना नहीं चाहूंगा कि इस आंकड़े को काफी कम कर दिया गया है।
लेकिन अगर आप विनिवेश प्रक्रिया या लोगों को इक्विटी की बिक्री की प्रक्रिया के बाद पिछले 5-6 महीने की अवधि पर नजर डालेंगे, तो हम 25,000 करोड़ रुपये हासिल कर रहे हैं। एक बार जब यह प्रक्रिया गति पकड़ लेगी तो 40,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य कठिन या पहुंच से बाहर वाला लक्ष्य नहीं है।
विनिवेश पर, क्या आपने इक्विटी बिक्री के लिए पीएसयू की सूची को अंतिम रूप दे दिया है?
यह एक ऐसा सवाल है जिसे कई लोगों द्वारा कई मंचों पर पूछा गया है। इसका संक्षिप्त जवाब है हां। विनिवेश के लिए नई कंपनियों को शामिल किए जाने की योजना है, लेकिन इनमें से ज्यादातर की अभी पहचान नहीं की गई है। इस प्रक्रिया को विनिवेश विभाग और संबद्ध मंत्रालयों द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। वे कंपनियों और बेचे जाने वाले शेयरों की मात्रा पर फैसला लेंगे।
कितनी कंपनियों की पहचान की गई है?
मुझे इसकी सही संख्या पता नहीं है। विनिवेश विभाग के पास इसकी कुछ जानकारी है। लेकिन विनिवेश विभाग भी शायद आपको सही संख्या की जानकारी नहीं देगा।
कुछ साल पहले पब्लिक डेट ऑफिस के गठन का प्रस्ताव रखा गया था। क्या आप उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या फिर यह महज एक योजना है?
नहीं, यह सिर्फ योजना नहीं है। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आरबीआई के परामर्श में सरकार ने इस कार्यालय के गठन का फैसला किया है जिसका नाम बैक ऑफिस होगा। यह वित्त मंत्रालय के अधीन होगा।
अब एक मिडिल ऑफिस और एक फ्रंट ऑफिस की योजना है जो निर्णायक रूप से पूरा कार्य करेगा। इस योजना को अगले 18-24 महीनों में अंजाम दे दिए जाने की संभावना है। हम कार्यालय के लोकेशन की तलाश कर रहे हैं।
तो क्या अगले साल के उधारी कार्यक्रम को नए डेट ऑफिस के जरिये अंजाम दिया जाएगा?
अगले साल के उधारी प्लान को आरबीआई द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा। शायद इसके अगले साल नए कार्यालय अस्तित्व में आएगा।
नए बैंक लाइसेंसों के मामले में क्या पात्रता की शर्तों में बदलाव हो सकता है?
मैं इसे लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं हूं। मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्रालय और नियामक के बीच चर्चा हो सकती है। अंतत: नियामक को मानक तय करने होंगे।
बजट को लेकर बाजारों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। क्या आपने यह सोचा था कि राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए कदम उठाया जाए?
मेरा मानना है कि राजकोषीय घाटे में कमी उचित होगी और हम कुछ हासिल कर सकते हैं। इसलिए हम अपने अनुमान की तुलना में कुछ बेहतर कर सकते हैं।
|