इस साल के पहले तीन महीनों में शेयर बाजार में आई गिरावट के बाद अप्रैल के महीने में बाजार कुछ सुधरा है।
पिछले महीने सेंसेक्स 10.5 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी करीब 9.11 फीसदी मजबूत हुआ। इसका नतीजा यह रहा कि म्युचुअल फंडों के इक्विटी डाइवर्सिफाइड स्कीमों ने भी अप्रैल में 8 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दिया। ऐसे में आम निवेशकों को क्या करना चाहिए, वो निवेशक जो जनवरी के नुकसान को अभी भूले नहीं है।
इन्वेस्टमेंट एडवाइजर गुल टेकचंदानी के मुताबिक निवेशक इस समय मीडियम टर्म के लिए निवेश पर गौर कर सकते हैं, इसके अलावा उन्हें इंडेक्स के बजाए अच्छे कारोबार पर ध्यान देना चाहिए। इसका मूल आइडिया यही है कि निवेशक को बाजार के उतार चढ़ाव की परवाह किये बिना अपनी निवेश योजनाओं पर अमल करते रहना चाहिए।
फाइनेंशियल प्लानर कार्तिक झावेरी के मुताबिक ऐसे समय में निवेशकों को अपना पैसा नुकसान देने वाले मिडकैप और स्मालकैप से निकाल कर अच्छे लार्ज कैप के शेयरों में लगाना चाहिए। तीन से चार साल का आउटलुक लेकर खरीदारी शुरू कर देनी चाहिए। लेकिन उनका यह भी कहना है कि अपना सारा पैसा बाजार में एक ही दिन में नहीं लगाना चाहिए। उनके मुताबिक जिन निवेशकों ने म्युचुअल फंडों के जरिए बाजार में पैसा लगाया है उन्हे अपना निवेश बनाए रखना चाहिए।
एंजिल ब्रोकिंग के वेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम्स के ईडी हितंगशू देबनाथ के मुताबिक इस समय निवेश का सबसे सही तरीका सिस्टमैटिक निवेश का है यानी म्युचुअल फंडों के जरिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश, जिससे कि निवेश औसत भाव पर हो सके।
उनका कहना है कि अगर निवेशक कैश में बैठे हों तो लिक्विड फंडों में पैसा लगाने का यह सही मौका है जिसे बाद में सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए इक्विटी फंड में ले जाया जा सकता है। एसटीपी ऐसे प्लान होते है जिसका पैसा मासिक एनएवी के आधार पर दूसरी किसी स्कीम में ट्रांसफर किया जा सकता है।