चक दे इंडिया... मगर कैसे! | शिखा शालिनी / February 23, 2010 | | | | |
देश में हॉकी का भविष्य बहुत उज्ज्वल भले नजर न आता हो लेकिन विश्व कप हॉकी आयोजन इस बार हमारे देश में ही होने जा रहा है।
हालांकि देश के राष्ट्रीय खेल हॉकी की तरह इसके विश्व कप की चर्चा भी क्रिकेट टूर्नामेंट आईपीएल और राष्ट्रमंडल खेलों के मुकाबले कम ही है। इस महीने की 28 तारीख से नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में विश्व कप का आगाज होना है।
विश्व कप का पहला मैच दक्षिण अफ्रीका और स्पेन के बीच होगा। दिलचस्प यह भी है कि इसमें भारत अपना पहला मैच चिर प्रतिद्वंद्वी पड़ोसी पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा। विश्व कप में शामिल होने वाली टीमों को पूल ए और बी में बांटा गया है।
पूल ए में जर्मनी, हॉलैंड, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, कनाडा और अर्जेंटीना की टीमों को रखा गया है। पूल बी में भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, इंगलैंड, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका हैं।
बड़ी कंपनियों की इनायत
विश्व कप हॉकी की प्रेजेंटिंग पार्टनर स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) है और टाइटल प्रायोजक हीरो होंडा है। उसमें सैमसंग, एबीएन एमरो, एटीए होल्डिंग्स और बीडीओ इंटरनैशनल भी साझेदार हैं।
उनके अलावा आईएनजी लाइफ इंश्योरेंस, कोका कोला और रीबॉक जैसी नामी कंपनियां भी इससे जुड़ी हैं। विश्व कप हॉकी से जुड़ी कम्यून स्पोट्र्स ऐंड एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक जैमी स्टीवर्ट का कहना है, 'कोका कोला और रीबॉक जैसे ब्रांड राष्ट्रीय खेल के साथ जुड़ रहे हैं, जो सकारात्मक बदलाव है। हीरो होंडा, सेल और आईएनजी लाइफ जैसी कंपनियों के जुड़ने से देश में हॉकी के प्रशंसक बढ़ेंगे।'
कोका कोला इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी और अध्यक्ष अतुल सिंह का कहना है, 'कोका कोला इंडिया ने हमेशा से खेल का साथ दिया है। हम 1928 से ही ओलंपिक खेलों से जुड़े हुए हैं और फुटबॉल के विश्व कप में भी कंपनी आधिकारिक साझेदार रही है।'
विश्व कप हॉकी से जुड़ी ऑनलाइन जानकारी के लिए वेबसाइट की आधिकारिक साझेदार एमएसएन है। टिकटों की ऑनलाइन बिक्री शुरू भी हो चुकी है।
टीम की तैयारियां
हकीकत यह है कि राष्ट्रीय खेल का दर्जा पाने के बावजूद हॉकी का खेल देश में क्रिकेट की तरह मशहूर नहीं हो पाया है।
हाल ही में वेतन और भुगतान के मसले पर राष्ट्रीय हॉकी टीम के खिलाड़ियों ने प्रबंधन के खिलाफ बगावत भी की थी, जिसमें उनका साथ बॉलीवुड सितारों से लेकर क्रिकेटरों तक ने दिया था। हालांकि मुश्किलें उसके बाद भी कम नहीं हुई हैं और कप्तान का चयन भी विवादों के घेरे में आया है। ऐसे हालात में खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करना कुछ ज्यादा ही लगता है।
1975 में विश्व कप हॉकी का फाइनल अपनी मुट्ठी में करने वाली भारतीय टीम के सदस्य अशोक कुमार कहते हैं, 'टीम को हाल के दिनों में लैटिन अमेरिका, अर्जेंटीना जैसे देशों में खेलने का मौका मिला है। लेकिन मैं यकीन के साथ यह नहीं कह सकता कि भारतीय हॉकी टीम बहुत सक्षम है। मेरे ख्याल से पहले एक शृंखला आयोजित की जानी चाहिए थी। उसमें शीर्ष टीमों के साथ खेलने पर ही खिलाड़ियों का सही मूल्यांकन हो सकता था।'
इतिहास के आइने में
विश्व कप हॉकी की सबसे सफल टीम पाकिस्तान की रही है जिसने 4 दफा कप उठाया है। हॉलैंड ने 3 और जर्मनी ने 2 बार खिताबी जीत दर्ज की है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के हाथों में एक-एक बार विश्व कप आया है।
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