म्युचुअल फंड कंपनियों के लिए अब हालात बेहतर दिख रहे हैं। 1 अगस्त से प्रवेश प्रभार पर प्रतिबंध लगने की वजह से फंड कंपनियों की इक्विटी श्रेणी की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) घटने लगी थीं। हालांकि जनवरी में इक्विटी फंड में शुद्ध प्रवाह 980 करोड़ रुपये का रहा। आईसीआरए ऑनलाइन के आंकड़ों के मुताबिक इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) जिसमें धारा 80 सी के तहत कर छूट की मंजूरी है, उसमें शुद्ध प्रवाह 268 करोड़ रुपये है। तीन नए फंड ऑफर (एनएफओ) से मिले कलेक्शन से उद्योग में तेजी आएगी। ऐक्सिस म्युचुअल फंड ने ऐक्सिस इक्विटी फंड एनएफओ और टैक्स सेवर लॉन्च किया जिससे कंपनी ने अच्छी खासी रकम जुटाई। ऐक्सिस म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी राजीव आनंद का कहना है, 'पैसे इक्विटी सेगमेंट में आने लगे हैं। नए प्रवाह के अलावा अपने निवेश को कम करने की रफ्तार में भी कमी आई है। इससे इक्विटी सेगमेंट में लंबी अवधि के लिहाज से निवेशकों के भरोसे का संकेत मिलता है।' करीब 5 महीने के अंतराल के बाद अब वितरकों में भी काफी उत्साह दिख रहा है और वे इक्विटी स्कीमों को ला रहे हैं। एक म्युचुअल फंड वितरक का कहना है, 'ज्यादा पारदर्शिता, वितरकों के बेहतर कमीशन और 10 रुपये के अंकित मूल्य पर इकाईयों की खरीदारी करने के निवेशकों के उत्साह से एनएफओ को सफलता मिल रही है।' आमतौर पर फंड कंपनियां एनएफओ के लिए 1.5 फीसदी से 2 फीसदी शुरुआती फीस का भुगतान करती हैं। सुंदरम बीएनपी थिमैटिक ने इस महीने के दौरान अपना पीएसयू ऑपर्च्युनिटी फंड लॉन्च किया है। जनवरी में इसका इक्विटी एयूएम 625 करोड़ रुपये से बढ़कर 10,440 करोड़ रुपये हो गया। दूसरी फंड कंपनियों जो 100 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाती हैं, उसमें एचडीएफसी म्युचुअल फंड, यूटीआई म्युचुअल फंड, एसबीआई म्युचुअल फंड और रिलायंस म्युचुअल फंड शामिल है। एक बड़ी फंड कंपनी के मुख्य निवेश अधिकारी का कहना है, 'ऐसी उम्मीद नहीं है कि बाजार मौजूदा स्तर से तेजी से लुढ़केगा। म्युचुअल फंडों में निवेश के लिए इंतजार किया जा रहा है। मुझे लगता है कि ट्रेंड में बदलाव आने वाले महीने में भी बना रहना चाहिए।' मध्यम आकार की फंड कंपनी के एक इक्विटी प्रमुख का कहना है कि जनवरी के बिक्री आंकड़ों में भी सुधार हुआ है। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) के मासिक आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में इक्विटी सेगमेंट की कुल बिक्री 4,047 करोड़ रुपये रहा जो जनवरी में बढ़कर 7,837 करोड़ रुपये हो गया। केवल नए फंड ऑफर में ही पूंजी प्रवाह नहीं हो रहा है। आनंद का कहना है, 'एनएफओ के बाद भी नियमित आधार पर इक्विटी योजनाओं में पूंजी निवेश देखा जा रहा है।' जनवरी में म्युचुअल फंड उद्योग का शुद्ध पूंजी प्रवाह 97,242 करोड़ रुपये रहा। डेट सेगमेंट का योगदान बहुत ज्यादा रहा और यह 1,06,092 करोड़ रुपये रहा। हालांकि लिक्विड, मनी मार्केट और गिल्ट फंड में शुद्ध निकासी भी होती रही। इक्विटी फंडों के बहुर रहे दिन 1 अगस्त 2009 से प्रवेश प्रभार पर पाबंदी लगाए जाने के बाद घटने लगी थी इक्विटी फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्ति जनवरी 2010 में इक्विटी फंडों में 980 करोड़ रुपये का निवेश देखा गया नए फंड ऑफर हो रहे हैं सफल, लौट रहा है निवेशकों का उत्साह
