मुफ्त डीमैट खाते की पेशकश से निवेशकों को रिझा रहे हैं ब्रोकर | वंदना / मुंबई January 06, 2010 | | | | |
बाजार में मौजूदा सकारात्मक रुझान के बीच ब्रोकर ज्यादा निवेशकों को जोड़ने का सुनहरा मौका गंवाना नहीं चाहते भले ही उन्हें अपनी सेवाएं मुफ्त ही क्यों न देनी पड़े।
कई ब्रोकिंग कंपनियां अपने खुदरा निवेशकों को लुभाने के लिए फ्री डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का ऑफर दे रही हैं। जबकि कुछ तो ग्राहकों से मार्जिन मनी को छोड़कर खाता खोलने तक के लिए शुल्क नहीं ले रही हैं वहीं कुछ ने इन खातों के आवर्ती और रख-रखाव शुल्क को आजीवन मुफ्त कर दिया है।
इनमें वे 2 वेल्थ, इंडिया इन्फोलाइन, आनंद राठी, निर्मल बांग और इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। इंडिया इन्फोलाइन ग्राहकों से खाता खोलने की फीस के तौर पर 555 रुपये लेती है हालांकि यह ग्राहकों से सालाना रख-रखाव का कोई शुल्क नहीं लेती।
इंडिया इन्फोलाइन के वाइस प्रेसिडेंट (रणनीति) हर्षद आप्टे का कहना है, 'पिछले कुछ महीने में खाते खोलने के आवेदन में बढ़ोतरी हुई है। निवेशकों को अब ऐसा महसूस हो रहा है कि बुरे दिन खत्म हो गए और उनमें से कई लोगों का रुझान परंपरागत निवेश मसलन बैंक की फिक्स्ड डिपोजिट से इक्विटी बाजार की ओर बढ़ रहा है।'
विशेषज्ञों का कहना है कि इस रणनीति का फायदा छोटे शहरों में मिलेगा जहां ब्रोकिंग कंपनियां नई शाखाएं खोल रही हैं। एक ब्रोकिंग कंपनी के प्रबंध निदेशक का कहना है, 'इन शहरों में नए ग्राहक बनाने और उन्हें इस कारोबार के लिए जागरुक बनाने के लिए बेहद जरूरी है कि वे कुछ फ्री ऑफर दें जिससे ग्राहक बाजार में निवेश करने में दिलचस्पी दिखा सकें। इसका फायदा हमें मिला है क्योंकि खुदरा निवेशक ऐसी छूट की वजह से प्रभावित होकर भी निवेश के फैसले लेते हैं।'
वे 2 वेल्थ फ्री डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का ऑफर दे रही है जिसमें खाता खोलने के दौरान 10,000 रुपये मार्जिन मनी के तौर पर रखना होगा। वे 2 वेल्थ स्टॉक ब्रोकिंग के सीईओ शशि भूषण का कहना है, 'बिना मार्जिन मनी के खाते को सक्रिय करने की संभावना कम होती है। कई लोगों ने डीमैट अकाउंट खोला लेकिन वे कोई ट्रेडिंग नहीं करते और यह बाद में निष्क्रिय हो जाता है।
ग्राहक इक्विटी ट्रेडिंग में सक्रिय रूप से मौजूद हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने मार्जिन मनी का विचार रखा है। हम ऐसे निष्क्रिय खाते पर सालाना 2000 रुपये खोते हैं। इस कारण यह जरूरी हो गया है कि हमारे पास गंभीर ग्राहक हों।'
हालांकि ऐंजल ब्रोकिंग ने खाता खोलने के शुल्क पर कोई छूट नहीं दी है लेकिन इसने एचएनआई (धनाढयों) और अल्ट्रा एचएनआई के लिए ऐसा किया है। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कई ब्रोकरों ने वैसे ग्राहकों के लिए ट्रांजैक्शन शुल्क को कम कर दिया है जो ज्यादा कारोबार लाते हैं। इसका मतलब है कि आप जितना कारोबार करेंगे उतना ही कम भुगतान करना होगा।
रिलायंस मनी ने 2008 में 1 करोड़ रुपये की ट्रेडिंग के लिए 500 रुपये तक का फ्लैट फीस लॉन्च की थी। इंडियाबुल्स सिक्योरिटीज भी अपने ग्राहकों से सालाना रख-रखाव शुल्क नहीं लेती है। कंपनी के सीईओ दिव्येश शाह का कहना है, 'मुफ्त अकाउंट तो निवेशकों को लुभाने के लिए एक दांव है। आमतौर पर निवेशक ब्रोकर की ऑफर की जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को देखते हैं।'
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