सायम को रेटिंग पर ऐतराज नहीं, हैरानी है | बीएस संवाददाता / नई दिल्ली January 04, 2010 | | | | |
सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सायम) ने ईंधन दक्षता के आधार पर कारों को स्टार रेटिंग दिए जाने के प्रस्ताव पर हैरानी जताई है।
सायम ने कहा कि स्टार रेटिंग करने से उपभोक्ताओं को क्या अतिरिक्त जानकारी मिलेगी। वाहन विनिर्माताओं के संगठन ने इस बात को साफ कर दिया कि वह इस तरह की किसी भी पहल का विरोध नहीं कर रहा है।
सायम के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा, 'ईंधन दक्षता के आधार पर रेटिंग को लेकर सायम की ओर से कोई विरोध नहीं है। लेकिन हमें इस बात पर हैरानी है कि आखिर इस स्टार रेटिंग से उपभोक्ताओं को क्या मिलेगा।'
वाहन संगठन पहले ही अप्रैल 2009 से स्वैच्छिक आधार पर 'माइलेज डिसक्लोजर' कार्यक्रम शुरु कर चुका है। इस कार्यक्रम के तहत कार बनाने वाली सभी कंपनियों को अपने मॉडलों की ईंधन दक्षता के बारे में जानकारी सार्वजनिक करनी होती है। जानकारी सार्वजनिक होने के बाद ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया इसकी जांच करता है।
गोयनका ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि उपभोक्ताओं को फिलहाल जो जानकारी दी जा रही है उससे ज्यादा जानकारी की उन्हें जरूरत है।' बिजली मंत्रालय ईंधन दक्षता के आधार पर यात्री कारों को स्टार रेटिंग देने की योजना बना रहा है।
ऊर्जा संरक्षण को लागू करने वाली नोडल एजेंसी ब्यूरो एनर्जी ऑफ एफीशियंसी ईंधन दक्षता के आधार पर कारों की रेटिंग करेगा। उन्होंने कहा कि कारों की रेटिंग कैसे की जाएगी यह नहीं पता क्योंकि छोटे इंजन वाली कार बड़े इंजन वाली कार की तुलना में ईंधन की कम खपत करती हैं।
नहीं है जरूरत
कहा उपभोक्ताओं को अब भी मिल रही है जरूरी जानकारी
किस आधार पर होगी कारों की रेटिंग यह अभी तय नहीं
|