बनारसी सिल्क फिर पहुंचेगा फर्श से अर्श पर! | निर्यातकों को उम्मीद- पिछले साल के अंत से मिल रहे ऑर्डरों में नए साल में और तेजी आएगी | | बीएस संवाददाता / लखनऊ January 04, 2010 | | | | |
मंदी से निजात पाने के बाद अब उत्तर प्रदेश के उद्योगों में से प्रमुख बनारसी सिल्क को फिर से फर्श से अर्श पर पहुंचने की उम्मीद जगी है।
बनारसी सिल्क के कारोबारियों का कहना है कि साल के जाते-जाते, जो विदेशों से निर्यात के ऑर्डर मिलने शुरू हुए हैं, वे नए साल में न केवल जारी रहेंगे बल्कि उनमें तेजी आएगी।
बीते दो साल बनारस के सिल्क उद्योग के लिए बुरे सपने से कम नहीं रहे हैं। इस दौरान बनारसी सिल्क के विदेशों में सबसे बड़े बाजार के रूप में विकसित हुए खाड़ी देशों से इधर मिलने वाले ऑर्डर खासे घटे थे और त्योहारों के मौके पर भी दुबई और सऊदी के बाजार ने बनारस के सिल्क को बीते दो सालों में ठेंगा ही दिखाया है।
सिनर्जी फैब्रिक्राफ्ट के निदेशक और बनारसी सिल्क के युवा कारोबारी रजत पाठक का कहना है कि दो सालों के अंतराल के बाद इस साल क्रिसमस के मौके पर ऑर्डर आए थे और 2010 में भी यूरोप के बाजारों से ऑर्डर आ रहे हैं।
इस बार क्रिसमस के मौके पर इटली, सिंगापुर और स्पेन के शोरूमों से बनारसी सिल्क के लिए ऑर्डर आए थे और अभी भी यूरोप के बाजारों को सप्लाई का काम चल रहा है। नए साल की सबसे बड़ी चुनौती के रूप में रजत बढ़ती लागत और श्रम को मानते हैं। उनका कहना है कि नरेगा के चलते मजदूरी की दरें बढ़ गई हैं, जिसका सीधा असर लागत पर पड़ रहा है।
बनारसी सिल्क के पुराने कारोबारी राजेंद्र मोहन उर्फ रज्जू महराज का भी यही कहना है कि पहले तो सूरत में तैयार होने वाले सस्ते सिल्क से निपटना बनारस की सबसे बड़ी चुनौती था और अब लागत पर नियंत्रण का सवाल है। उनका कहना है कि प्रतिस्पर्धा के इस जमाने में एक-एक रुपये लागत को कम करने में मशक्कत करनी पड़ रही है।
रज्जू महाराज का कहना है कि चुनौतियां तो पहले जैसी ही हैं पर बाजार में सुधार हो रहा है और यह एक अच्छी बात है। उनका कहना है कि घरेलू बाजार के साथ ही विदेशों से मिलने वाले ऑर्डर बढ़े हैं और नए साल में इससे अच्छा और क्या हो सकता है।
बाजार के नए ट्रेंड के बारे में उनका कहना है कि अब वही चलेगा जो जमाने के हिसाब से होगा। हाल के दिनों में बनारसी सिल्क के साथ जो नए प्रयोग हुए हैं, उनकी अच्छी मांग है विदेशों में। मशहूर सिल्क डिजाइनर माधुरी का कहना है कि नए स्टाइल के बनारसी सिल्क के परिधान विदेशों में हाथों-हाथ लिए जा रहे हैं।
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