अध्यात्म के सहारे बाजार की तलाश | कोलंबो में 10-14 जनवरी तक चलने वाली श्री हनुमंत कथा में भाग लेंगे देश के 550 बड़े कारोबारी और तलाशेंगे कारोबार की संभावनाएं | | सुशील मिश्र / January 03, 2010 | | | | |
बाजार की टेढ़ी-मेढ़ी चाल समझने वाला कारोबारी समाज, नफा-नुकसान के गणित को सरल करने के लिए आधुनिक तकनीक के साथ अध्यात्म का भी सहारा ले रहा है।
कारोबारी उलझनों से दूर देश भर के सैकड़ों कारोबारी श्रीलंका की आध्यात्मिक यात्रा पर निकलने की तैयारी कर चुके हैं। ये कारोबारी कोलंबो में संकट मोचक भगवान हनुमान की लीलाओं से ज्ञान प्राप्त करेंगे कि किस तरह से सच्चाई और निष्ठा के बल पर जीत हासिल की जाती है।
रामदूत हनुमान का नाम लेते हुए ये कारोबारी श्रीलंका में कारोबारी संभावनाओं की तलाश भी करेंगे। इससे भारत-श्रीलंका के बीच आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक निकटता बढ़ेगी। कारोबारियों की साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था परोपकार ने इस आध्यात्मिक यात्रा को सफल बनाने का बीड़ा उठाया है।
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में 10-14 जनवरी तक चलने वाली श्री हनुमंत कथा में पीएलजी समूह केचेयरमैन प्रमोद गोयल , बोनांजा समूह के एसपी गोयल, वालमार्ट के अशोक बलहाणिया, शादी डॉट कॉम के गोपाल मित्तल, मेफको बीज कंपनी के बदरी नारायण बारमले सहित देश भर के करीब 550 कारोबारी भाग ले रहे हैं।
हनुमंत कथा के साथ भजन-कीर्तन और सुंदरकांड का पाठ कोलंबो स्थिति हिल्टन होटल में पांच दिनों तक चलेगा। भारतीय कारोबारियों के इस धार्मिक आयोजन का श्रीलंका सरकार भी दिल खोलकर स्वागत करने की तैयारी में जुटी हुई है। श्रीलंका के पर्यटन मंत्री फौर मुस्तफा ने वादा किया है कि श्रीलंका सरकार हर संभव सहयोग करेगी और हर दिन श्रीलंका सरकार का प्रतिनिधि मौजूद रहेगा।
इस आध्यात्मिक यात्रा में मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, इंदौर, नागपुर, कोलकाता, गुवाहाटी, धनबाद, दिल्ली, वाराणसी, लुधियाना, चेन्नई और बेंगलुरु सहित लगभग देश के हर हिस्से से कारोबारी शामिल हो रहे हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से कारोबारियों के शामिल होने की वजह से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु से सीधे कोलंबो के लिए विशेष हवाई उड़ानों की व्यवस्था की गई है।
कारोबारियों की इस आध्यात्मिक यात्रा के बारे में जीडीआर समूह के चेयरमैन एवं परोपकार के अध्यक्ष शंकर केजरीवाल कहते हैं कि हम सब मानते हैं कि किसी भी संस्था, कंपनी या व्यक्ति का विकास उसके कर्म के साथ ऊपर वाले की कृपा से होता है।
इसके साथ ही देखने को मिला है कि हम लोग जब भी इस तरह के आयोजनों में भाग लेते है उसके बाद एक अलग सी ऊर्जा हमारे अंदर काम करने लगती है, अध्यात्म और पर्यटन से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा वर्तमान वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दौर में कारोबारियों को अपनी जगह बनाने में मददगार साबित होती है।
परोपकार समय समय पर इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती रही है। वर्ष 2008 में सिंगापुर क्रूज में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था, जिसमें दुनिया भर के 600 से ज्यादा बिजनेस टाइकूनों ने भाग लिया था और उसी से उत्साहित होकर श्रीलंका में हनुमान कथा के आयोजन की योजना बनी थी।
हनुमान कथा के लिए श्रीलंका का चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि हनुमान जी की ज्यादातर लीलाओं का कार्यक्षेत्र लंका ही रहा है। इस यात्रा का मकसद समाज सेवा, धार्मिक प्रचार के साथ कारोबारियों के मानसिक तनाव को कम करना है। केजरीवाल कहते हैं कि हालांकि यह एक धार्मिक यात्रा है इसके बावजूद बहुत से कारोबारी 14 तारीख के बाद लंका में रुक कर कारोबारी संभावनाओं की तलाश करेंगे।
कारोबारियों की इस धार्मिक यात्रा की जिम्मेदारी लेने वाली कम्फर्ड हॉलिडे टूर कंपनी के निदेशक जतिन शाह के अनुसार इस तरह की यात्रा से छोटे कारोबारियों को ज्यादा फायदा होता है क्योंकि उन्हें ग्रुप में जाने की वजह से सस्ता पैकेज मिल जाता है।
लोगों की संख्या को देखते हुए श्रीलंकन एयरवेज ने काफी सस्ते में बुकिंग की है और कोलंबो के पांच सितारा होटल हिल्टन में भी बुकिंग सस्ती दरों में कराना आसान हो गया। यात्रा में शामिल होने वाले कारोबारियों को इस पांच दिन के लिए कुल 35 हजार रुपये देने पड़े हैं जिसमें आने जाने, रुकने और खाने सहित सभी तरह के खर्च शामिल हैं।
श्रीलंका सरकार की दिलचस्पी की वजह से यह यात्रा कारोबारियों को लगभग 50 फीसदी सस्ती पड़ रही है। यात्रा में शामिल होने वाले 70 फीसदी कारोबारियों की उम्र 60 साल से अधिक की है।
एक युवा कारोबारी ने कहा कि उन्हें इस यात्रा से कारोबारी झंझट से अलग- पांच दिनों तक आराम, कम पैसे में यात्रा, श्रीलंका में कारोबार फैलाने का मौका, देश भर के कारोबारियों से मुलाकात भविष्य में कारोबार बढ़ाने में सहायक होंगे।
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