हाइनकेन और यूबी में करार | रघुवीर बदरीनाथ / December 26, 2009 | | | | |
देश की सबसे बड़ी बियर कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को हाइनकेन के साथ किए करार से काफी फायदा होने की उम्मीद है।
इस महीने की शुरुआत में हाइनकेन के साथ किए गए इस करार के तहत यूबी समूह उसके बियर ब्रांड हाइनकेन और कैनन 10,000 भारत में बनाएगी और उनका वितरण भी करेगी। बदले में हाइनकेन विदेशी बाजार में यूबी की सबसे अधिक बिकने वाली बियर ब्रांड किंगफिशर का उत्पादन और वितरण करेगी।
लगभग 17 अरब डॉलर का कारोबार करने वाली दिग्गज बियर कंपनी हाइनकेन का मुख्यालय एम्सटर्डम में है। कंपनी के कार्यकारी मंडल के निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी जीन फ्रैंकोइस वैन बॉक्समीयर ने बताया, 'आने वाले समय में भारत में बियर की मांग में काफी इजाफा होने वाला है। इसे देखते भारतीय बाजार में आना एक अच्छा फैसला है।'
भारत में प्रति व्यक्ति बियर की खपत मात्र 1.3 लीटर सालाना है, जबकि विकसित देशों में यह आंकड़ा 50 लीटर होता है। लगभग 3000 करोड़ रुपये के भारतीय बियर बाजार में सालाना 14.4 हेक्टोलीटर बियर की खपत होती है। भारतीय बियर बाजार में यूबी की हिस्सेदारी करीब 48 फीसदी है।
उम्मीद है कि अगले साल गर्मियों में हाइनकेन भारतीय बाजार में आएगी। पिछले कुछ साल से यह बियर भारत में सिंगापुर के एक संयुक्त उपक्रम के तहत उपलब्ध थी लेकिन शुल्क रहित दुकानों पर ही उपलब्ध होने के कारण इसकी बिक्री काफी कम थी।
यूबी के अधिकारी ने बताया कि हाइनकेन के ब्रांड को सुपर प्रीमियम श्रेणी में ही रखा जाएगा। हालांकि कई लोगों का मानना है कि इस करार से दोनों को कितना फायदा यह कहना मुश्किल है। कुल बियर बाजार में प्रीमियम बियर की हिस्सेदारी 6 फीसदी है। भारत के प्रीमियम बियर बाजार में हाइनकेन की पेरोनी, कार्ल्सबर्ग और टयूबोर्ग को काफी पसंद किया जाता है।
लेकिन स्वतंत्र ब्रांड विश्लेषकों का मानना है कि भारत में आना हाइनकेन के लिए काफी फायदेमंद रहेगा क्योंकि यहां प्रीमियम श्रेणी में कंपनी के ब्रांड्स को काफी पसंद किया जाता है।
नामी ब्रांड विश्लेषक हरीश बिजूर का कहना है, 'मुझे करीब 20 बियर ब्रांड्स के नाम याद हैं और इनमें से हाइनकेन की अपनी एक अलग श्रेणी है। मुझे लगता है कि भारतीय बाजार में इसकी मांग बढ़ने में 6-8 महीने का समय लगेगा। इसकी मार्केटिंग पर कंपनी काफी ध्यान देगी।'
इस करार से जहां हाइनकेन को भारतीय बाजार में वितरण नेटवर्क मिलेगा वहीं यूबी के ब्रांड किंगफिशर को भी फायदा होगा। एक उद्योग विश्लेषक ने बताया, 'यूबी अपने बियर ब्रांड किंगफिशर को विदेशी बाजार में स्थापित करने की कोशिश काफी समय से कर रही है। इसके लिए स्कॉटिश ऐंड न्यूकैसल के साथ भी कंपनी ने करार किया था, लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली थी।'
यूं तो पिछले वित्त वर्ष के दौरान करीब 8.2 करोड़ केस की बिक्री करने वाली यूबी के कुछ संयंत्र अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड में भी हैं। विजय माल्या ने बताया, 'कंपनी की कुल कमाई में विदेशी बाजार से होने वाली कमाई की हिस्सेदारी काफी कम है लेकिन यह बढ़ रही है। हाइनकेन के संयंत्रों के इस्तेमाल और निर्यात को बढ़ाकर हम अपनी इस कमाई की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं।'
हालांकि उन्होंने विदेशी बाजार से होने वाली कंपनी की क माई के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। माल्या ने बताया, 'भारत एक बड़ा बाजार है और अभी तक हमने इसमें मौजूद सभी कारोबारी संभावनाओं को भी नहीं भुनाया है।'
करार से जुड़ी बातें
जनवरी 2008 में हाइनकेन ने परोक्ष तरीके से यूनाइटेड ब्रेवरीज लिमिटेड (यूबीएल) में 37.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। इसके बाद हाइनकेन ने दुनिया भर में स्कॉटिश ऐंड न्यूजकैसल (एसऐंडएन) के ब्रेवरीज कारोबार का अधिग्रहण किया था।
एसऐंडएन यूबीएल के साथ एक संयुक्त उपक्रम में बराबर की हिस्सेदार थी। इसके बाद यूबीएल ने हाइनकेन को अपने निदेशक मंडल में बराबर के अधिकार देने से मना कर दिया था क्योंकि हाइनकेन का एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज के साथ भी साझा उपक्रम था। भारत में एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज (एपीबी) की ब्रांड्स यूबी की ब्रांड्स के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं।
विजय माल्या ने साफ कर दिया था कि हेनकेन यूबीएल के जरिए परिचालन कर दोनों कंपनियों के हितों का ध्यान रखे, अगर वह ऐसा नहीं करना चाहती है तो वह कंपनी में गैर सक्रिय शेयरधारक बन सकती है। एपीबी भारत में टाइगर, कैनन 10000 और हाइनकेन जैसे बियर ब्रांड बेचती थी।
महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में कपंनी के ब्रीविंग संयंत्र भी हैं और इनकी क्षमता सालाना 4,60,000 हेक्टोलीटर है। एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज सिंगापुर ने अपने पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज (औरंगाबाद) और आंध्र प्रदेश स्थित एशिया पैसिफिक ब्रेवरीज पर्ल 5.19 करोड़ डॉलर में हाइनकेनइंटरनैशनल को बेच दी थी।
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